गंगटोक । तेंदोंग ल्हो रुम फात उत्सव समिति 2024 ने तेंदोंग ज्ञान श्रृंखला के तीसरे संस्करण के साथ उत्सव की शुरुआत की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिक्किम विधानसभा के अध्यक्ष एमएन शेरपा और विशिष्ठ अतिथि के तौर पर पश्चिम बंगाल के कालिम्पोंग स्थित मायेल्यांग लेप्चा विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष की मौजूदगी रही।
कार्यक्रम में ग्रामीण विकास विभाग और सहकारिता मंत्री अरुण कुमार उप्रेती, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास मंत्री साम्दुप लेप्चा, वन एवं पर्यावरण मंत्री पिंछो नामग्याल लेप्चा, सिक्किम सरकार के सलाहकार, गंगटोक नगर निगम के पार्षद, पूर्व मंत्री, पद्मश्री पुरस्कार विजेता, सिक्किम राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षक, विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्र और स्थानीय लोग उपस्थित थे। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि एमएन शेरपा ने उपस्थित लोगों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने अनेक शिक्षाप्रद परिणाम वाले एक उपयोगी कार्यक्रम में भाग लेने पर प्रसन्नता व्यक्त की। वक्ताओं ने कहा कि कार्यक्रम में हमें बहुमूल्य जानकारी मिली है तथा उपस्थित विद्यार्थियों को इस जानकारी को ग्रहण कर एक दिन पीएचडी स्कॉलर बनने का लक्ष्य रखना चाहिए।
एमएन शेरपा ने कहा कि रीति-रिवाज, संस्कृति और भाषा आज की आवश्यकताएं हैं और यदि हम अपनी जड़ों को संजोकर रखें, तो हम स्वतः ही सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हो जाते हैं। इसलिए, लेप्चा समुदाय इस अर्थ में समृद्ध है। इस सत्र से यह साबित हो गया कि सिक्किम की बेहतरी के लिए कई पुनर्विचार और चर्चाओं की आवश्यकता है। बांस के पुल निर्माण के संबंध में लेप्चा समुदाय का ज्ञान सिक्किमी समाज के लिए एक परिसंपत्ति है। अध्यक्ष ने कहा कि सभी सिक्किमवासियों तक यह ज्ञान पहुंचाना बहुत जरूरी है। उन्होंने दारमदीन में स्वर्ग तक जाने वाली सीढ़ी परियोजना की प्रगति पर भी बात की और लेप्चा एसोसिएशनों से लेप्चा इतिहास का दस्तावेजीकरण करने का आग्रह किया, ताकि परियोजना क्षेत्र में प्रतिदिन प्रकाश और ध्वनि शो का आयोजन किया जा सके।
कार्यक्रम की शुरुआत बोंगथिंग द्वारा प्रतीकात्मक अनुष्ठान के साथ हुई, जिसके बाद सिक्किम विश्वविद्यालय के लेप्चा विभाग के छात्रों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि को खादा भेंट किया गया तथा टीएलआरएफसीसी के अध्यक्ष साम्दुप लेप्चा ने उनका स्वागत किया। स्वागत भाषण सिक्किम लेप्चा युवा संघ (एसएलवाईए) के महासचिव लोबसांग छोफेल ने प्रस्तुत किया। टोमटुक लेप्चा ने तेंदोंग ल्हो रुम फात के महत्व के बारे में बताया। तेंदोंग नॉलेज सीरीज (टीकेएस) की शुरुआत आरएमआरके के सलाहकार सह टीकेएस के संस्थापक त्सेतेन लेप्चा ने की। उन्होंने कहा कि विद्वानों को सम्मानित करने के लिए एक मंच प्रदान किया जाता है, जहां वे अपने शोध निष्कर्षों को प्रस्तुत कर सकते हैं। इसका आयोजन पहली बार 2019 में किया गया था।
अध्यक्ष को संबोधित करते हुए साम्दुप लेप्चा ने उपस्थित सभी लोगों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने समिति की मुख्य उपलब्धियों तथा सिक्किम के मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang के बहुमूल्य योगदान के बारे में बताया। डॉ ताशी पाल्जोर लेप्चा और डॉ रेशमा लेप्चा ने सुबह के सत्र में अपने पेपर प्रस्तुत किए। सिक्किम विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की प्रमुख डॉ संध्या थापा इस सत्र की अतिथि वक्ता थीं। उन्होंने लेप्चा समुदाय पर अपने व्यक्तिगत शोध अनुभव के बारे में बात की तथा लेप्चा समुदाय को आदिम जनजाति का दर्जा दिलाने में कई विद्वानों के योगदान पर प्रकाश डाला।
सुबह के सत्र में एक सम्मान कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें पासांग छिरिंग सिमिक, डॉ. रेशमा लेप्चा, डॉ कर्मा हिस्से, लेप्चा, सुश्री जुनु पुंडी लेप्चा, खांडू वांगचुक, जोर्बू लेप्चा को सम्मानित किया गया। अन्य प्राप्तकर्ताओं में सिक्किम विश्वविद्यालय की समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ संध्या थापा, कंचनजंगा राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आशीष शर्मा और डॉ अनीता फिपोन शामिल थीं। दिन के दूसरे सत्र में डॉ आरोन ई लेप्चा, डॉ सोनम रिनछेन लेप्चा और डॉ पंजो लेप्चा ने शोधपत्र प्रस्तुत किए। सोनम लेप्चा ने लेप्चा बांस पुल पर विशेष प्रस्तुति दी।
अपने संबोधन में दिन के मुख्य अतिथि पीटी सिमिक ने लेप्चा भाषा और उसकी संस्कृति के संरक्षण की बात कही। उन्होंने कहा कि नृत्य, गीत और कला के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से सांस्कृतिक संरक्षण किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अपनी भाषा और रीति-रिवाजों को बचाए रखना हर किसी का परम कर्तव्य है। उन्होंने युवा पीढ़ी से सांस्कृतिक उत्सवों में सक्रिय रूप से भाग लेने का भी आग्रह किया। टीएलआरएफसीसी के संरक्षक कुंगा नीमा लेप्चा ने कहा कि यह सत्र सभी के लिए आंखें खोलने वाला था। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे सत्र से सकारात्मक बातें लें और उन्हें अपने जीवन में लागू करें। उन्होंने स्थानीय भाषा में शोध की आवश्यकता पर भी बल दिया और विद्वानों से सरकार की फेलोशिप योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में सिक्किम में जीएलओएफ आपदा के दौरान किए गए कार्य के लिए पेदोंग यूथ क्लब को सम्मानित किया गया। इस दौरान एमजी मार्ग के पार्षद संदीप मालू, सेवानिवृत सचिव लेंडुप दोरजी लेप्चा, पूर्व नौकरशाह एससी छिरिंग (आईएएस), भारत सरकार के सेवानिवृत अतिरिक्त आयुक्त लेंडुप डी लेप्चा, सुश्री चुकिला लेप्चा, पार्षद जीएमसी और कोषाध्यक्ष, टीएलआरएफसीसी-2024 ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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