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केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य के पर्यटन व नागरिक उड्डयन विभाग को लिखा पत्र

राज्‍य में शोषणकारी कैब व परमिट दरों पर जताई चिंता

गंगटोक । केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य के पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग को एक पत्र में सिक्किम में कथित शोषणकारी कैब और परमिट दरों के बारे में चिंता जताई है।

मंत्रालय के केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) द्वारा 13 मई को भेजे गए पत्र में हिमालयी राज्य में आने वाले पर्यटकों द्वारा दर्ज की गई कई शिकायतों का हवाला दिया गया है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त केपी वासनिक ने भी अपने परिवार के साथ सिक्किम और दार्जिलिंग का दौरा करने के बाद शिकायत दर्ज कराई।

उन्होंने परमिट के लिए शोषणकारी मूल्य निर्धारण, पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा संबंधी चिंताएं, सुविधाओं की कमी और अत्यधिक कार किराये जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला।

वासनिक ने सुझाव दिया कि सरकार को आगंतुकों के शोषण को रोकने के लिए ऑनलाइन परमिट जारी करना चाहिए और कार किराये की दरें तय करनी चाहिए।

क्षेत्र में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने उम्मीद जताई कि मंत्रालय के पत्र पर सिक्किम सरकार की ओर से शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

इस सीजन में सिक्किम आने वाले पर्यटक सुरक्षा चिंताओं के कारण राज्य के प्रमुख आकर्षण, गुरुदोंगमार झील का दौरा करने में असमर्थ हैं। ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) के प्रभाव के बाद उच्च ऊंचाई वाली झील ऑफ-लिमिट बनी हुई है। लाचुंग और लाचेन, आमतौर पर मार्च से मई और अक्टूबर से दिसंबर तक चरम पर्यटन सीजन के दौरान गतिविधि से गुलजार रहते हैं।

हालांकि, इस वर्ष, जबकि लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों ने पर्यटकों का स्वागत किया है, लाचेन और प्रसिद्ध गुरुदोंगमार झील सहित इसके आसपास के क्षेत्रों में कोई पर्यटक नहीं आया है।

जनवरी से सिक्किम में 4 लाख से अधिक पर्यटकों की आमद हुई। अकेले पहली तिमाही में 3 लाख पर्यटक आए। हालांकि लाचेन और गुरुदोंगमार झील का सुंदर मार्ग बंद है। लगातार भूस्खलन से उत्पन्न खतरे के इस मार्ग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

#anugamini #sikkim

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