गंगटोक । अपनी तरह के एक पहले आयोजन में राजधानी नई दिल्ली में यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क्स पर दो दिवसीय प्रेरक प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क्स को लेकर विभिन्न प्रस्तुतियां, पैनल चर्चाएं और वीडियो स्क्रीनिंग हुईं।
इस दौरान, खनन मंत्रालय के सचिव वीएल कांता राव ने भारत में अगले तीन वर्षों में कम से कम दो जियो-पार्कों को मान्यता देने की जानकारी दी। इसके पहले चरण में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने प्रस्तावित जियो-पार्कों के लिए छह स्थलों का चयन किया है, जिसमें सिक्किम के नामची जिलान्तर्गत स्ट्रोमेटोलाइट जीवाश्म पार्क भी शामिल है।
कार्यक्रम में सिक्किम की ओर से खनन व भूविज्ञान विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों अतिरिक्त निदेशक केशव कुमार लुइटेल और वरिष्ठ भूविज्ञानी टिकेन्द्र हरि शर्मा ने भाग लिया। कार्यशाला के पहले दिन ब्राजील, पुर्तगाल, रोमानिया, आयरलैंड, जापान, ईरान, लैटिन अमेरिका, जर्मनी के भू-वैज्ञानिकों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से यूनेस्को द्वारा अपने-अपने जियो पार्कों को मान्यता देने के बारे में बताया।
इसके अलावा, यूनेस्को, शिक्षा मंत्रालय और खनन मंत्रालय ने विभिन्न जियो पार्कों को विश्व मानचित्र पर लाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया और समर्थन पर प्रकाश डाला। वहीं, कार्यशाला के दूसरे दिन दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए और जियोपार्क के निमाण पर पैनल चर्चा भी हुई।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में बीते 19 सितंबर को सिक्किम के मुख्यमंत्री के साथ खनन एवं भूविज्ञान विभागीय अधिकारियों की एक बैठक हुई, जिसका नेतृत्व खनन एवं भूविज्ञान मंत्री पिंछो नामग्याल लेप्चा और डीएमजी सचिव श्रीमती डिकी यांगजोम ने किया। इसमें नामची जिले के स्ट्रोमेटोलाइट जीवाश्म पार्क पर विशेष ध्यान दिया गया।
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