गंगटोक । केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा राज्य संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय ‘भारत को जानो’ कार्यक्रम का आज डिफेंस ऑडिटोरियम में समापन हो गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में सेना की 17वीं माउंटेन डिवीजन के डिप्टी जीओसी ब्रिगेडियर धनंजय पलसोकर उपस्थित थे।
एनईजेडसीसी निदेशक डॉ प्रसन्ना गोगोई के स्वागत भाषण से शुरु हुए कार्यक्रम में आमंत्रण हेतु राज्यपाल ला गणेशन ने आभार व्यक्त किया तथा लोगों को जोडऩे वाले सेतु के रूप में संस्कृति के बारे में बात की। उन्होंने सभी से सांस्कृतिक विरासतों की रक्षा और संरक्षण करने, सभी संस्कृतियों, परंपराओं, भाषाओं और विरासत के प्रति सम्मान और करुणा का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने युवाओं को एकता, शांति और समृद्धि के बढ़ावे, देश की सांस्कृतिक विविधता को स्वीकारने और सांस्कृतिक पहलों का समर्थन करने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समझना राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है और नागरिकों में अपनेपन की भावना को बढ़ावा देता है।
वहीं, ब्रिगेडियर धनंजय पलसोकर ने एकता और राष्ट्रीय गौरव के बढ़ावे में संस्कृति की भूमिका पर बात करते हुए सभी को भारत के विशाल सांस्कृतिक परिदृश्य की सराहना करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न सांस्कृतिक प्रथाओं के बारे में जागरुकता और प्रशंसा सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ाती है।
इस अवसर पर कलाकारों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं को मंच पर जीवंत करते हुए कार्यक्रम पेश किए गए, जिसकी दोनों अतिथियों ने सराहना की। कार्यक्रम में भांगड़ा, लेप्चा डांस, हॉर्नविल डांस, बिहू आदि जैसे विभिन्न राज्यों की अनूठी परंपराओं को दर्शाते हुए नृत्य भी प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में राज्य के संस्कृति सचिव बसंत कुमार लामा, अतिरिक्त संस्कृति निदेशक सोनम शेंगा, एसडीएम मुख्यालय जीएल मीणा एवं अन्य अधिकारी तथा गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
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