जीरो वेस्ट मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

गेजिंग : ओडीएफ प्लस मॉडल सस्टेनेबिलिटी और जीरो वेस्ट मैनेजमेंट पर निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायती राज संस्थाओं के क्षमता निर्माण पर गेजिंग जिला पंचायत द्वारा एडीसी (विकास) के सहयोग से आज एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिलाध्यक्ष डीएस लिम्बू की अध्यक्षता में “स्वच्छ गांव, स्वस्थ नागरिक, सतत भविष्य” विषयक इस कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष अनीता राई, जिला कलेक्टर तेनजिंग डी डेन्जोंगपा, एडीसी (विकास) सूरत गुरुंग, बीडीओ गराप भूटिया, चोंगरांग बीडीओ गीता कुमारी गुरुंग, डीपीओ पीडी भूटिया के अलावा जिला और ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत निरीक्षक एवं अन्य उपस्थित थे।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष ने जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में पंचायती राज संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए सतत विकास सुनिश्चित करने हेतु सामूहिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रस्तुत किए गए विस्तृत प्रस्तुति की सराहना करते हुए प्रतिभागियों से अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक जागरुकता पैदा करने के लिए सक्रिय रूप से कार्रवाई करने का आग्रह किया। अंतर-विभागीय सहयोग के महत्व पर बल देते हुए, उन्होंने सभी संबंधित विभागों से सतत कचरा प्रबंधन के लक्ष्य को प्राप्त करने में ग्रामीण विकास विभाग को अपना सहयोग देने का आह्वान किया।

वहीं, स्वच्छता को विकास के एक मानक के रूप में प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए जिलाध्यक्ष ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर निर्भरता कम करने के लिए जिला कोष के माध्यम से विभिन्न वार्डों में स्टील के गिलास और प्लेट वितरित करने का प्रस्ताव रखा। साथ ही, उन्होंने बाहरी लोगों के आगमन के कारण बढ़ते अप्रबंधित कचरे पर भी चिंता व्यक्त की और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

श्री लिम्बू ने नशा मुक्त सिक्किम अभियान के तहत मादक द्रव्यों के सेवन के मुद्दे पर भी ध्यान आकर्षित करते हुए जिला एवं महकमा स्तर पर सख्त वाहन जांच का सुझाव देते हुए बीडीओ और पंचायतों द्वारा सक्रिय निगरानी का आह्वान किया। उन्होंने जिले में कचरा प्रबंधन पहलों की स्थिरता के लिए जिला और ग्राम पंचायत की ओर से हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम में, जिला कलेक्टर डेन्जोंग्‍पा ने जिले में कचरा प्रबंधन की मजबूती हेतु जारी पहलों के बारे में बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक परिवार सक्रिय रूप से स्रोत पृथक्करण को नहीं अपनाते और नियमित स्वच्छता प्रथाओं का पालन नहीं करते, तब तक केवल विभागीय प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। वहीं, जमीनी स्तर पर जिला और ग्राम पंचायतों की प्रभावशाली भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने उनसे ओडीएफ प्लस मॉडल की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने डीएसी परिसर में एक ई-कचरा संग्रह केंद्र की स्थापना के बारे में भी बताया।

कार्यक्रम में एसबीएम-जी की स्टेट रिसोर्स पर्सन यांगचेनला भूटिया ने ओडीएफ प्लस मॉडल स्थिरता और शून्य कचरा प्रबंधन पर अपनी एक विस्तृत तकनीकी प्रस्तुति में बढ़ते कचरे और लैंडफिल की संतृप्ति से उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को जम्मू-कश्मीर तथा उत्तराखंड में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदाओं के उदाहरणों से आगाह किया। उन्होंने ऐसे जोखिमों को कम करने के लिए सामुदायिक स्तर पर स्थायी प्रथाओं को अपनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

साथ ही, 2022 से लागू सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक समारोहों और अन्य आयोजनों में इसका उपयोग अभी भी जारी है। ऐसे में, उन्होंने व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि बाहर परिवर्तन लाने से पहले परिवर्तन की शुरुआत भीतर से होनी चाहिए। कार्यक्रम में एक संवादात्मक सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए गए। इससे पहले, जिला पंचायत परिसर में इंजीनियरिंग सेल की ऊपरी दो मंजिलों पर शौचालय, लाउंज और भोजन कक्ष का उद्घाटन किया गया।

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