गंगटोक : कई वर्षों के अंतराल के बाद सिक्किम के नाथुला पास के माध्यम से भारत-चीन सीमा व्यापार फिर शुरू हो रहा है। राज्य के व्यवसायियों ने इस कदम पर खुशी व्यक्त की है। गौरतलब है कि यह मार्ग 2019 से बंद था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत और चीन सिक्किम के नाथुला सहित तीन प्रमुख बिंदुओं पर सीमा व्यापार फिर से खोलने पर सहमत हुए हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने, कैलाश पर्वत की तीर्थयात्रा का विस्तार करने और सीमा संबंधी मुद्दों के प्रबंधन के लिए नए तंत्र स्थापित करने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
सिक्किम के स्थानीय व्यापारियों ने नाथुला व्यापारिक मार्ग के फिर से खुलने का स्वागत किया है। व्यापार के फिर से शुरू होने से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को आवश्यक बढ़ावा मिलने और सीमा पार व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
गंगटोक निवासी अनिल गुप्ता नामक एक व्यापारी ने इसे बहुत अच्छी खबर बताते हुए कहा, व्यापार पांच वर्षों से बंद था और दोनों पक्षों में कई बिल लंबित थे। व्यापार फिर से खुलने से हमारे लिए उम्मीद जगी है। उन्होंने अधिकारियों से 2006 में स्थापित व्यापार योग्य वस्तुओं की सूची अपडेट करने का भी आग्रह करते हुए सुझाव दिया कि चीन में इनकी उच्च मांग के कारण चीनी और माचिस को भी इसमें शामिल किया जाए। साथ ही, उन्होंने और अधिक व्यापार पास जारी करने और व्यापारियों को रात भर रुकने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया।
वहीं, पूर्व व्यापारी आईके रसाइली ने दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध बहाल करने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सिक्किम के मुख्यमंत्री पीएस तमांग, लोकसभा सांसद डॉ इंद्र हांग सुब्बा और राज्यसभा सांसद डीटी लेप्चा का आभार व्यक्त किया। रसाइली ने कहा, मैं कामना करता हूं कि यह व्यापार निर्बाध रूप से जारी रहे। उन्होंने कैलाश पर्वत यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने के निर्णय का भी स्वागत किया, जो इस वर्ष लंबे अंतराल के बाद फिर से शुरू हुई है और 23 अगस्त को समाप्त होने वाली है।
उल्लेखनीय है कि वर्षों के अंतराल के बाद नाथुला व्यापारिक पास के फिर से खुलने से न केवल आर्थिक संबंध मजबूत होने, बल्कि सीमा पार सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक आदान-प्रदान भी पुनर्जीवित होने की उम्मीद है।
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