संचामन लिंबू गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज के अकादमिक ब्लॉक के उद्घाटन का किया स्वागत
गंगटोक । गंगटोक के संचामन लिंबू गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में नए अकादमिक ब्लॉक समेत अन्य बुनियादी ढांचे की मांग में छात्रों द्वारा लंबे आंदोलन के बाद आखिरकार रविवार को कॉलेज में एक नए अकादमिक ब्लॉक ज्ञान कुंज का उद्घाटन हो गया है।
2021 में अपनी मांगों को लेकर आंदालेन कर रहे कॉलेज के चार प्रदर्शनकारी छात्रों को गिरफ्तार कर उन्हें कॉलेज में पढ़ाई करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। वहीं, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जैकब खालिंग ने इन चारों छात्रों को राष्ट्र विरोधी और आतंकवादी करार दिया था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी। हालांकि, बाद में आंदोलनरत छात्रों द्वारा मामले को सिक्किम उच्च न्यायालय में उठाने पर अदालत ने छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाया था और उन्हें 2023 में उत्तीर्ण परीक्षा में भाग लेने की अनुमति दी गई थी।
कॉलेज के शैक्षणिक ब्लॉक के उद्घाटन को लेकर चार निष्कासित छात्रों में से एक प्रवीण बस्नेत ने कहा कि यह हमारे सभी वरिष्ठों और छात्रों के लिए यादगार दिन है, जिन्होंने कॉलेज निर्माण के लिए आंदोलन में हिस्सा लिया था। हालांकि, बस्नेत ने यह भी कहा कि कॉलेज पूरा नहीं हुआ है, हमारी अकादमिक ब्लॉक की मांग आज पूरी हो गई है, लेकिन अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे अभी भी लंबित हैं। हमें उम्मीद है कि ये निर्माण भी जल्द होंगे।
इसी बीच, उद्घाटन समारोह में उपस्थित जैकब खालिंग से निष्कासित छात्रों के बारे में कहा कि प्रदर्शनकारी छात्रों को आतंकवादी कहने के लिए मुझ पर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन हमारे लिए छात्रों का कॉलेज जाना जरूरी है। कॉलेज का उचित बुनियादी ढांचा देखना उन छात्रों का भी एक सपना था। हमारे बीच गलतफहमियां थीं। जहां हम उन्हें समझने और वे हमें समझने में असफल रहे। उन्होंने कहा, विवाद जो भी हो, अंतिम परिणाम कॉलेज का पूरा होना है। वे भविष्य के छात्रों को यहां पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और साथ ही उनके रचनात्मक सुझावों का भी स्वागत कर सकते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या चार निष्कासित छात्रों को उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था, खालिंग ने कहा, विभाग सभी छात्रों को निमंत्रण नहीं भेज सकता है, लेकिन कॉलेज के पूर्व छात्र होने के नाते उन्हें उद्घाटन के लिए आना चाहिए। यदि वे अभी तक नहीं आए हैं, तो उन्हें आना चाहिए और कॉलेज का सर्वेक्षण करना चाहिए। उनके अनुसार, सरकार विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करना चाहती है।
वहीं, खालिंग ने छात्रों के विरोध को लेकर कहा कि अब हम विरोध को गलत नहीं मानते हैं, जिसकी संविधान अनुमति देता है। लेकिन जब हमने निर्माण का वादा किया, तो विरोध की कोई जरूरत नहीं थी। इसका फायदा उठाया जा रहा है और कुछ राजनीतिक लोगों द्वारा निर्माण में देरी की अफवाहें फैलाईं गईं, जिसके कारण छात्रों को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन में घसीटा गया।
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