गंगटोक । प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ संजय उप्रेती के हत्यारे थिन्ले दोरजी भूटिया को गुरुवार को गंगटोक जिले के जिला एवं सत्र न्यायालय की विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302/307 और 353 के तहत दोषी पाया है।
जिला एवं सत्र न्यायालय की न्यायाधीश सुश्री ज्योति खड़का ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी ने हत्या, हत्या के इरादे से हमला करने और सरकारी कर्मचारियों के साथ उनके कार्यस्थल में अनावश्यक रूप से बाधा डालकर मारपीट की और यह अपराध अमानवीय है। सजा पर सुनवाई कल 31 मई को होगी। न्यायालय ने यह निष्कर्ष निकाला है कि अभियुक्त द्वारा किये गये अपराध का निर्धारण अभियुक्त पक्ष द्वारा प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों, सभी पक्षों एवं अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किये गये तथ्यों के आधार पर किया गया है।
14 दिसंबर 2021 को दोपहर करीब 12.30 से 1.00 बजे के बीच गंगटोक के एसटीएनएम अस्पताल में काम करने वाली एक महिला सफाईकर्मी ने अचानक कलावती छेत्री को चाकू मार दिया। संजय उप्रेती ने तुरंत महिला कर्मचारी को बचाने की कोशिश की, तो आरोपी डॉ. उप्रेती पर लगातार चाकू से हमला किया और उन्हें मरणासन्न हालत में छोड़ दिया गया। घटना में उस दिन अदालत ने डॉ डीपी राई के बयान और उनके द्वारा दिए गए घटनाओं के विशिष्ट विवरण को प्राथमिकता दी। यह भी बताया गया है कि पुलिस और फॉरेंसिक जांच संस्थान द्वारा दिए गए सबूतों से दोषियों को सजा दिलाने में काफी मदद मिली है।
बाद में 24 दिसंबर को सिलीगुड़ी के नियोटिया गेटवेल हेल्थ सेंटर में इलाज के दौरान डॉ उप्रेती की मौत हो गई, जबकि सफाई कर्मचारी हमले में बच गया। अभियोजन पक्ष की ओर से 27 लोगों और तीन अन्य लोगों समेत कुल 30 चश्मदीदों को अदालत में पेश किया गया और इन सभी चश्मदीदों और सबूतों के आधार पर अदालत ने उन्हें दोषी पाया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक यादव शर्मा ने बहस करते हुए कहा कि समाज में नकारात्मक पक्ष की हार हुई है और पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।
उन्होंने बताया कि बहस से पहले पूरी घटना का विवरण और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। यह सिक्किम के इतिहास की सबसे जरूरी घटना थी और अंत में पीड़ितों के परिवार को न्याय मिला। आज कोर्ट में दिवंगत डॉ उप्रेती की पत्नी सविता उप्रेती, बहन डॉ संगीता भण्डारी सहित सानिया (चेमा) डॉ उप्रेती की सहयोगी एसटीएनएम अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ डीपी राई और स्टाफ उस दिन को याद कर आंसू बहा रहे थे। डॉ राई ने अपने अच्छे दोस्त, एक डॉक्टर और सिक्किम की एक प्रमुख हस्ती के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि दिवंगत शहीद की आत्मा को शांति मिले और परिवार को न्याय मिले। आज भी परिजन भावुक होने के कारण प्रतिक्रिया देने की स्थिति में नहीं हैं और केवल दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
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