स्थानीय समुदार्यों के कल्याण में सेना की भूमिका महत्वपूर्ण : राज्यपाल Om Prakash Mathur

गंगटोक : सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने आज चिंतन भवन में आयोजित पहले मिलिट्री सिविल फ्यूजन कन्वर्जेस कैप्सूल-2025 के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में सिक्किम सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जीटी ढुंगेल, सड़क एवं पुल विभाग के मंत्री एमएन दहाल, 33 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए मीनवाला, जीओसी 17 माउंटेन डिविजन मेजर जनरल एमएस राठौड़, 27 माउंटेन डिविजन के जीओसी मेजर जनरल दथवाल, राज्य के उच्च अधिकारियों और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।

अपने सम्बोधन में सर्वप्रथम, राज्यपाल ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों को श्र‌द्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इसके अलावा, सिक्किम को तीन अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरे राज्य के रूप में भारतीय सेना और नागरिकों के बीच सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण बताया साथ ही देश भर में इस प्रकार के आयोजन के लिए सिक्किम को सबसे पहले राज्य के रूप में चुने जाने पर उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है।

राज्यपाल ने सिक्किम में सेना की बहुमुखी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सेना न केवल सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि स्थानीय समुदार्यों के कल्याण और विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रोजगार के अवसर पैदा करने से लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने तक सेना स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में सहयोग कर रही है। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, जैसे भूस्खलन और भारी बर्फबारी, सेना और नागरिकों के बीच असाधारण टीम भावना और विश्वास को रेखांकित किया।

राज्यपाल माथुर ने अक्टूबर 2023 की भीषण बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना की तत्परता और राहत कार्यों ने स्थिति को सामान्य करने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में प्रभावी कदम उठाने पर भी जोर दिया।

राज्यपाल माथुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘वाइब्रेट विलेज प्रोग्राम’ पहल का उल्लेख करते हुए इसे सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सीमावर्ती गांवों को पहले गांव के रूप में मान्यता देकर पलायन रोकने और रोजगार तथा मूलभूत सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के उ‌द्देश्य से शुरू किया गया है। सेना की त्रिशक्ति कोर द्वारा संचालित स‌द्भावना मिशन और ‘राष्ट्रीय एकता यात्रा की सराहना करते हुए राज्यपाल माथुर ने कहा कि इसके माध्यम से ग्रामीण बच्चों को हवाई यात्रा, रेल यात्रा और शहरी केंद्रों के अनुभव का अवसर प्रदान किया जा रहा है जिसने बच्चों के आत्मविश्वास और राष्ट्र के प्रति गर्व की भावना को बढ़ावा दिया है। इस प्रकार की यात्रा को और विस्तारित करने के लिए उन्होने अधिकारियों से अपील की है। रक्षा मंत्रालय ‌द्वारा सिक्किम के तीन सीमावर्ती पोस्ट नाथुला पास, चो ला पास और डोकाला पास को रणभूमि दर्शन स्थलों के रूप में चिन्हित करने के ऐतिहासिक निर्णय पर राज्यपाल ने गर्व का विषय बताते हुए इन स्थलों को युवाओं और पर्यटकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया गया।

इसी कड़ी में, राज्यपाल ने अपने पिछले वर्ष नाथुला में आयोजित ‘नाथुला दिवस’ की स्मृति को ताजा करते हुए कहा कि इस वर्ष से नाथु ला दिवस को ‘नाथु ला विजय दिवस’ के रूप में मनाने की मुख्यमंत्री के साथ बातचीत की है ताकि उन शौर्यवान यो‌द्धाओं को श्र‌द्धांजलि अर्पित की जा सके, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अ‌द्वितीय योगदान दिया है। सिक्किम में बढ़ती आत्महत्या की समस्या पर चिंता जताते हुए, राज्यपाल ने सभी नागरिक समाज और अधिकारियों से इसके कारणों और समाधान के लिए एकजुट होकर प्रयास करने की अपील की। उन्होंने समजस्य, सहयोग, संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ समाज के उत्थान के लिए कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।

राज्यपाल ने 2047 तक विकसित भारत की दृष्टि को साकार करने के लिए सेना और नागरिकों के संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया। अंत में, राज्यपाल ने सिक्किम को देश का अग्रणी राज्य बनाए रखने के लिए नागरिकों से सहयोग जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने इस आयोजन को राष्ट्र निर्माण और समृद्ध भारत के सपने को साकार करने में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया।

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