शेष 12 जातियों को लेकर विधानसभा में पारित प्रस्ताव ऐतिहासिक : विकास बस्नेत

गंगटोक : सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) पार्टी के प्रचार-प्रसार शाखा के उपाध्यक्ष प्रभारी विकास बस्नेत (Bikash Basnet) ने कहा है कि सिक्किम विधानसभा के तीसरे सत्र में सरकार के निर्णय पारित कर लंबे समय से जनजाति मान्यता से वंचित 12 जाति-समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की दिशा में उठाया गया कदम ऐतिहासिक है। एसकेएम पार्टी इस निर्णय का हृदय से स्वागत करती है।

विकास बस्नेत ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में सिक्किम निरंतर समावेशी विकास, समानता और सामाजिक न्याय के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। सभी समुदायों के प्रति समान दृष्टिकोण रखते हुए जनहित को प्राथमिकता देना एसकेएम सरकार की कार्यशैली को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने इस संवेदनशील मुद्दे को केवल भाषणों और आश्वासनों तक सीमित रखा, जबकि वर्तमान सरकार ने जिम्मेदारी, निरंतरता और साहस के साथ इसे निर्णायक मोड़ तक पहुंचाया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री प्रेमसिंह तमांग बधाई के पात्र हैं।

विधानसभा सत्र में सिक्किम राज्य उच्चस्तरीय समिति द्वारा तैयार अंतिम रिपोर्ट को सर्वसम्मति से अनुमोदन दिया गया। इस रिपोर्ट में वर्षों से लंबित मांग के अनुरूप सिक्किम के 12 छूटे हुए समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की सिफारिश केंद्र सरकार से करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Prem Singh Tamang) ने इस निर्णय को अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि इससे जनजाति मान्यता से वंचित समुदायों के अधिकार, पहचान और सामाजिक न्याय सुनिश्चित होंगे। उन्होंने यह भी दोहराया कि राज्य सरकार प्रत्येक समुदाय को समान अधिकार दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

विकास बस्नेत ने कहा कि जहां अतीत में इस मुद्दे को राजनीतिक खेल का विषय बनाया गया, वहीं वर्तमान सरकार ने निष्पक्षता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ समाधान की दिशा में कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार और केंद्रीय मंत्रियों के साथ संवाद बनाए रखते हुए इस विषय को गंभीरता से आगे बढ़ाया है, जो सराहनीय है। हाल ही में स्यारी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के 50वें वर्ष के स्वर्ण जयंती काल के दौरान केंद्र सरकार के समक्ष 12 समुदायों को जनजाति का दर्जा देने की मांग मजबूती से रखने की प्रतिबद्धता जताई, जिससे उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति स्पष्ट होती है।

उन्होंने बताया कि नवंबर 2024 में राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को शामिल कर उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया था, जिसने गहन अध्ययन, शोध और व्यापक परामर्श के बाद रिपोर्ट तैयार की। विधानसभा में गंभीर चर्चा के पश्चात रिपोर्ट का सर्वसम्मति से अनुमोदन होना सिक्किम की राजनीतिक परिपक्वता को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुमोदन के बाद अब राज्य सरकार इसे औपचारिक रूप से केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी में है। दिल्ली में हुई विभिन्न बैठकों और प्रयासों को लेकर उठी टिप्पणियों के बावजूद एसकेएम सरकार इस मुद्दे को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

एसकेएम पार्टी ने इस पूरी प्रक्रिया में योगदान देने वाले विशेषज्ञों, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों और समुदाय के अगुवाओं की भूमिका की सराहना करते हुए उनके प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की है। पार्टी को विश्वास है कि मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के मजबूत नेतृत्व, राजनीतिक इच्छाशक्ति और निरंतर प्रयासों से छूटे हुए समुदायों को जनजाति मान्यता दिलाने का यह लंबा संघर्ष शीघ्र ही सफल निष्कर्ष तक पहुंचेगा। एसकेएम पार्टी ने विश्वास जताया कि इस निर्णय से सिक्किम में सामाजिक समावेशिता, समानता और न्याय का मार्ग और अधिक सुदृढ़ होगा।

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