गंगटोक : भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), गंगटोक द्वारा सितंबर 2025 तिमाही के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) सशक्त समिति की 23वीं बैठक का आयोजन गंगटोक में किया गया। बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गंगटोक के महाप्रबंधक एवं प्रभारी अधिकारी गोदा रविशंकर ने की।
बैठक में सिक्किम सरकार के वित्त विभाग के निदेशक महेंद्र प्रधान, नाबार्ड गंगटोक के महाप्रबंधक अजय कुमार सिन्हा, एमएसएमई-डीएफओ के सहायक निदेशक निर्मल चौधरी, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, केवीआईसी, सिक्किम खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, जिला उद्योग केंद्र, सिडबी तथा सिक्किम में कार्यरत वाणिज्यिक बैंकों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
अपने संबोधन में रविशंकर ने आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में एमएसएमई क्षेत्र की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। बैठक के दौरान सिक्किम में एमएसएमई क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने में बैंकों के प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा की गई। बताया गया कि सितंबर 2025 तिमाही के अंत तक एमएसएमई को दिए गए कुल बकाया ऋण में जून 2025 तिमाही की तुलना में 11.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, सूक्ष्म उद्यमों के बकाया खातों की संख्या में भी 12.06 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है।
बैठक में विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत बैंकों के प्रदर्शन की भी समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत बैंकों द्वारा सितंबर 2025 तिमाही तक 151 ऋण वितरित किए गए, जिसे संतोषजनक बताया गया। इसके अलावा लंबित एमएसएमई ऋण आवेदनों के निपटारे, बिना जमानत ऋण, मुद्रा योजना और क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) के तहत प्रदर्शन की भी समीक्षा की गई।
अध्यक्ष ने भाग लेने वाले बैंकों को राज्य के एमएसएमई क्लस्टरों की जरूरतों के अनुरूप ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की सलाह दी। बैठक का समापन बैंकों, सरकारी विभागों और एमएसएमई सहायता संस्थानों के बीच बेहतर समन्वय के आह्वान के साथ हुआ, ताकि इस क्षेत्र को समय पर और पर्याप्त ऋण उपलब्ध कराया जा सके।
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