लोगों की शिकायत पर ध्यान नहीं दे रहे संबंधित विभाग के अधिकारी
गेजिंग । समाज के विकास में सड़कों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिस इलाके या क्षेत्र में सड़कें अच्छी एवं दुरुस्त हैं तो उसका व्यापक सकारात्मक असर वहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। वहीं, इसके विपरीत सडक़ों की बदहाली का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसी कड़ी में जोरथांग और गेजिंग को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का उदाहरण लिया जा सकता है।
पश्चिम सिक्किम को दो जिलों में विभाजित करने के बाद गेजिंग जिले के प्रवेश द्वार तातोपानी से ही सड़क की खस्ता हालत देखकर न सिर्फ वाहन चालक बल्कि पर्यटक और आम नागरिक भी हैरान हो जाते हैं। इसके अलावा जोरथांग और लेगशेप मुख्य सड़क भी बदहाल है। इस सड़क पर बरसात के मौसम में गिरी सुरक्षा दीवार की सफाई नहीं होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जोरथांग से लेगशेप और गेजिंग तक यही स्थिति है। ऐसे में सवाल है कि राज्य सरकार की ओर से राज्य में सड़क व्यवस्था में सुधार कार्य तो किया जाता है, लेकिन निर्मित सड़क की स्थिति बिगड़ने पर उसकी मरम्मत एवं देखरेख की जिम्मेदारी किसकी है?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोरोना काल से ही पिछले कई वर्षों से जोरथांग-लेगशेप-गेजिंग सड़क की स्थिति जर्जर है। बारिश के समय सड़क की स्थिति और बिगड़ गई, लेकिन इसकी मरम्मत की ओर संबंधित विभाग का कोई ध्यान नहीं है। सड़क पर इसके टूटे हुए टुकड़े इधर-उधर बिखरे पड़े हैं, जिसके कारण वाहनों एवं राहगिरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आये दिन यह छोटी-बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनता है।
स्थानीय लोगों की शिकायत है कि आज के सोशल मीडिया के समय में बहुत सारी व्यक्तिगत आरोप एवं आपेक्ष तो तुरंत वायरल हो जाते हैं, लेकिन सड़क की बदहाली जैसी एक सार्वजनिक समस्या के बारे में वैसी बातें नहीं होती हैं। सड़क की स्थिति राज्य और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन इसकी स्थिति गंभीर और चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में नियमित सड़क निर्माण के साथ राष्ट्रीय या स्थानीय सड़क प्रबंधन और सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
उनके अनुसार, संबंधित अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण इतने खूबसूरत राज्य की मुख्य सड़क बदहाल है जो राज्य की साख के लिए कतई सही नहीं है। यह समस्या सिर्फ यहीं नहीं है, बल्कि गेजिंग-लेगशेप सड़क के खोपा और रानीबन में भी है, जहां बारिश के मौसम में सड़क की स्थिति दयनीय हो जाती है। वहीं सड़क के किनारे रहने वाले लोगों के द्वारा जहां-तहां बालू-पत्थर आदि निर्माण सामग्रियां छोड़ देने से समस्या और बढ़ जाती है। इस संबंध में सडक़ व पुल विभाग के अलावा पीडब्ल्यूडी, आरडीडी, आरएमडीडी, राजमार्ग आदि सभी विभागों की लापरवाही और कमजोरी है।
लोगों का कहना है कि आज सिक्किम को शांति और सुंदरता के लिए जाना जाता है, लेकिन एक जिले को दूसरे जिले से जोडऩे वाली मुख्य सडक़ों की बदहाल स्थिति काफी शोचनीय है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इसके रख-रखाव एवं मरम्मत हेतु जिम्मेदार संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी कहां हैं? लोगों की शिकायत है कि यदि संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी समझें और काम करें तो यह समस्या नहीं होगी। उन्होंने संबंधित विभागों की उदासीनता पर सरकार द्वारा तत्काल कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि उनकी लापरवाही और उदासीनता के कारण सड़कों की हालत खस्ता है और सरकार की भी बदनामी हो रही है।
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