कहा- समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ तो किया जाएगा आंदोलन
गंगटोक । उत्तर सिक्किम में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट के कारण बांध टूटने और तीस्ता नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के तीन महीने बाद भी इससे उपजी समस्याओं का समाधान न हो पाने एवं सरकारी उदासीनता पर नाराजगी जाहिर करते हुए पिपोन लाचेन जुम्सा ने आज चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों एवं समस्यों का शीघ्र निराकरण नहीं हुआ तो वे राज्य सरकार के खिलाफ राजधानी गंगटोक की सड़कों पर काले झंडों के साथ विरोध जुलूस निकालेंगे।
संगठन ने इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव को लिखी एक चिट्ठी में तीन महीने पहले दक्षिण ल्होनाक झील में आउटबस्र्ट के कारण अचानक आई बाढ़ के बाद लाचेन वासियों के सामने आने वाली समस्याओं का उल्लेख किया है। इसमें कहा गया है कि आपदा के इतने दिनों बाद भी लाचेन में संचार-व्यवस्था ठप है और शहर के कई इलाके अभी भी शेष दुनिया से कटे हुए हैं। इसके कारण वहां के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, जुम्सा ने चुंगथांग से लाचेन तक सड़क पुनर्निर्माण की धीमी प्रगति की भी शिकायत करते हुए सड़क निर्माण में ग्रेफ एवं बीआरओ द्वारा घटिया काम किए जाने की बात कही है। उनके अनुसार, इस घटिया सड़क निर्माण के कारण जीमा चू की सड़क सामान्य वाहनों के लिए अनुपयुक्त है। ऐसे में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा निगरानी की कमी ने निराशा को और बढ़ा दिया।
साथ ही, बाढ़ में बह गई निजी जमीनों के सर्वेक्षण या आकलन में भी सरकारी विफलता को उजागर करते हुए जुम्सा ने प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास विकल्पों का आग्रह किया है। उनके अनुसार, आपदा के कारण इलाके के अनगिनत होटल, रेस्तरां, दुकानें और टैक्सी सेवाओं सहित सभी तरह के व्यवसाय बंद हैं। ऐसे में प्रभावित व्यवसाय मालिकों को सरकारी प्रोत्साहन या अनुदान सहायता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, लाचेन में पशुओं के लिए भोजन उपलब्ध कराने में पशुपालन विभाग की लापरवाही की भी जुम्सा द्वारा आलोचना की गई है।
जुम्सा ने इन महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया है और साथ ही चेतावनी भी दी है कि अब जनता का धैर्य समाप्त हो रहा है। यदि सरकार इन चिंताओं को दूर करने में विफल रहती है, तो इलाके के निवासी राजधानी गंगटोक में काला झंडा लेकर विरोध प्रदर्शन करने में संकोच नहीं करेंगे।
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