गंगटोक । केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने आज राज्यसभा में उठाए गए एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में सिक्किम में चाय उद्योग की विकास योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की। गौरतलब है कि, यह पहल टी बोर्ड की 2023-24 से 2025-26 के लिए चाय विकास एवं संवर्धन योजना का हिस्सा है।
वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद के अनुसार, यह योजना सिक्किम सहित पूरे भारत में चाय उत्पादकों को व्यापक सहायता प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि सहायता के प्रमुख पहलुओं में पुराने चाय के पौधों के पुन: रोपण, टी नर्सरी के विकास, फील्ड मैकेनाइजेशन टूल्स और प्रूनिंग मशीनों जैसे आवश्यक उपकरणों के प्रावधान के लिए वित्तीय सहायता शामिल है।
इसके अतिरिक्त, इस योजना का उद्देश्य छोटे उत्पादकों को स्वयं सहायता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों में संगठित करना है, जिससे उनकी परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, टी बोर्ड सिक्किम की चाय को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें प्रचार कार्यक्रमों, मेलों और प्रदर्शनियों में भागीदारी के साथ-साथ चाय चखने और नमूना लेने की गतिविधियां शामिल हैं। इन प्रयासों के माध्यम से टी बोर्ड का लक्ष्य सिक्किम की चाय की दृश्यता और बाजार पहुंच को बढ़ाना है, जिससे उद्योग के विकास और वैश्विक मान्यता में योगदान मिलेगा।
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