गंगटोक । भूकंप जैसी आपदा की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में मंगलवार को ताशीलिंग सचिवालय के सम्मेलन हॉल में एक टेबल टॉप अभ्यास (टीटीईएक्स) आयोजित किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता भूमि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग (एलआरएंडडीएम) की राहत आयुक्त सह सचिव सुश्री नम्रता थापा ने की।
इसमें सभी छह जिलों के डीसी, संबंधित विभागों के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया से जुड़े अन्य प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाया गया। टीटीईएक्स का आयोजन 12 सितंबर को होने वाले राज्य मॉक ड्रिल के मद्देनजर किया गया, जिसका आयोजन सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए), एलआरएंडडीएम विभाग द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से किया जा रहा है। इस अभ्यास में विभिन्न भूकंप और भूकंप-जनित जीएलओएफ आपदा परिदृश्यों के लिए प्रतिक्रिया रणनीतियों की समीक्षा और उन्हें दुरुस्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भू-राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की राहत आयुक्त-सह-सचिव सुश्री नम्रता थापा ने अपने संबोधन में सक्रिय आपदा प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अभ्यास राज्य की तैयारियों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है तथा आपदाओं के प्रभाव को न्यूनतम करने तथा जीवन की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आग्रह किया कि किसी आपदा के घटित होने का इंतजार करने के बजाय पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए।
मेजर जनरल सुधीर बहल (सेवानिवृत्त), प्रमुख सलाहकार (एमई एवं आईआरएस), एनडीएमए ने टेबल टॉप और मॉक ड्रिल (भूकंप परिदृश्य) अभ्यास पर एक जानकारीपूर्ण ब्रीफिंग दी। उन्होंने प्रतिभागियों को ऐसे आयोजनों के दौरान अपनाई जाने वाली आवश्यक प्रक्रियाओं, योजनाओं और नीतियों के बारे में बताया, साथ ही सभी प्रतिनिधियों को आपदा तैयारियों में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) ढांचे के भीतर विभिन्न सरकारी विभागों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से बताया।
मेजर जनरल बहल ने जनता को अच्छी जानकारी देने के लिए प्रभावी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आपदा प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की तथा समन्वित एवं प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए राज्य स्तरीय संसाधनों को जुटाने के महत्व पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने भवन सुरक्षा की नियमित समीक्षा करने का आह्वान किया तथा सभी स्तरों पर तैयारी बढ़ाने के लिए भवन खाली करने के लिए लगातार अभ्यास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। मॉक ड्रिल के निर्बाध क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए।
टीटीईएक्स ने प्रतिभागियों को भूकंप आपदा स्थितियों के दौरान विभिन्न भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया, जिसमें पूर्व चेतावनी प्रसार से लेकर निकासी प्रक्रियाओं और संसाधन जुटाने तक शामिल थे। आपदा प्रबंधन एजेंसियों, पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बलों, अग्निशमन सेवाओं, स्वास्थ्य विभागों, दूरसंचार और अन्य प्रमुख हितधारकों के प्रतिनिधि सर्वोत्तम प्रथाओं और सुधार के क्षेत्रों पर एक मजबूत संवाद को सुविधाजनक बनाने के लिए उपस्थित थे। टीटीईएक्स को लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त), बीएआर सदस्य, एनडीएमए, मेजर जनरल अमित कबथियाल, जीओसी, 17वीं माउंटेन डिवीजन और प्रोफेसर वीके शर्मा, उपाध्यक्ष, एसएसडीएमए ने भी संबोधित किया।
12 सितंबर को होने वाली मॉक ड्रिल सुबह 9:30 बजे शुरू होगी। गंगटोक सब डिवीजन के अंतर्गत मॉक ड्रिल के लिए पहचाने गए क्षेत्र हैं देवराली सीनियर सेकेंडरी स्कूल, डीसी ऑफिस, एमजी मार्ग, एसटीएनएम अस्पताल, सिच्छे, स्नेहा काइनेटिक पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड, आदमपुल हाईवे और डेंजोंग सिनेमा हॉल। पालजोर स्टेडियम में एक राहत शिविर स्थापित किया जाएगा, जबकि मंचन क्षेत्र रिज पार्क, व्हाइट हॉल में स्थित होगा।
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