गंगटोक : राज्य में कैंसर उपचार क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति के तहत राजधानी गंगटोक के एसटीएनएम अस्पताल ने राज्य की पहली हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी (एचआईपीईसी) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह प्रक्रिया उन्नत चरण के ओवरी (डिम्बाशय) कैंसर से पीड़ित एक मरीज पर की गई थी जिसकी सर्जिकल टीम का नेतृत्व अस्पताल की कंसल्टेंट गाइनी ऑन्कोसर्जन डॉ रोमी राई ने किया। डॉ राई की टीम में विभागाध्यक्ष डॉ नीलिमा प्रधान और एनेस्थिसियोलॉजी एवं क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ अनीता गुरुंग का सहयोग रहा।
एसटीएनएम अस्पताल की ओर से बताया गया है कि इस महत्वपूर्ण चिकित्सा के बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई है और वह लगातार ठीक हो रही है। डॉ राई ने कहा, एचआईपीईसी पेट के कैंसर से निपटने के हमारे तरीके में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। इस पहले मामले की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अब हमारे पास सिक्किम में ही अत्याधुनिक ऑन्कोलॉजिकल देखभाल प्रदान करने के लिए उपकरण और विशेषज्ञता है।
बताया गया है कि पारंपरिक कीमोथेरेपी पूरे शरीर को प्रभावित करती है और अक्सर गंभीर दुष्प्रभावों का कारण बनती है। इसके विपरीत, एचआईपीईसी सीधे प्रभावित क्षेत्र में कीमोथेरेपी पहुंचाता है। यह विधि उपचार की समग्र प्रभावकारिता में सुधार करते हुए प्रणालीगत विषाक्तता को कम करती है, जिससे यह चुनिंदा उन्नत कैंसर के लिए एक पसंदीदा विकल्प बन जाता है।
डॉ नीलिमा प्रधान ने सर्जरी को संभव बनाने में संस्थागत तैयारी की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, यह सफल प्रक्रिया कठोर प्रशिक्षण, समर्पण और टीम वर्क का परिणाम है। हमें गर्व है कि एसटीएनएम अस्पताल अब अपनी ऑन्कोलॉजी सेवाओं के हिस्से के रूप में इस उच्च-स्तरीय कैंसर उपचार की पेशकश कर सकता है।
वहीं, एनेस्थीसिया और पोस्ट-ऑपरेटिव क्रिटिकल केयर को प्रबंधित करने वाली डॉ अनीता गुरुंग ने आवश्यक सहयोगात्मक प्रयास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, एचआईपीईसी मामलों के प्रबंधन के लिए समन्वित टीमवर्क की आवश्यकता होती है। यह केवल एक सर्जरी नहीं है, बल्कि यह एक समग्र दृष्टिकोण है जिसमें कई विभाग समन्वय में काम करते हैं।
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