कहा-एसएडीएफ की सरकार आई तो ओएफओजे कर्मचारी होंगे स्थाई
गंगटोक, 27 फरवरी । सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी (SKM) द्वारा राज्य के ओएफओजे कर्मचारियों को नौकरियों से हटाने को हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी ने अपनी सरकार बनने पर ऐसे सभी कर्मचारियों को फिर से बहाल करने की घोषणा की है। साथ ही एसडीएफ ने एसकेएम सरकार द्वारा अस्थायी कर्मचारियों के स्थायीकरण की नीति को अपनी पूर्व घोषित नीति बताते हुए वर्तमान सरकार पर इसे पांच साल रोके रखने का आरोप भी लगाया है।
एसडीएफ के प्रचार उपाध्यक्ष अंबर राई ने कहा कि आज एसकेएम वोटों को लुभाने का ढोंग कर कर्मचारियों के स्थायीकरण का ढोल पीट रही है। लेकिन सरकारी नौकरियों के स्थायीकरण का कार्य विभागीय प्रक्रिया के माध्यम से संबंधित विभाग को करना होता है। इसके लिए मुख्यमंत्री को यह घोषणा करने की जरूरत नहीं है कि उसे स्थायी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एसडीएफ सरकार ने विगत 25 सालों में कई बार हजारों अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया है। लेकिन उसने कभी भी सरकारी कर्मचारियों को पार्टी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के सम्मान को ऊंचा एवं उचित स्थान दिया तथा उन्हें अपना कार्य स्वतंत्रतापूर्वक करने का अवसर दिया। लेकिन अब सरकारी कर्मचारियों की स्थिति बिल्कुल उलट है और एसकेएम नेता खुलेआम सरकारी कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं।
राई ने आगे कहा कि बेरोजगार शिक्षित युवाओं को सरकारी क्षेत्र में आना ही चाहिए। उन्हें यह अवसर देना सरकार की नियमित जिम्मेदारी है, लेकिन इसके लिए अपना गुणगान करना और चुनावी मंच से उसका क्रेडिट लेना अनुचित है। ऐसे में एसकेएम सरकार को ढोल पीट-पीट कर नौकरियों का आदेश बांटना तुरंत बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि एसकेएम सरकार अब सरकारी कर्मचारियों को अपनी पार्टी की बैठकों में भाग लेने के लिए मजबूर कर रही है। हाल ही सत्ताधारी पार्टी द्वारा आयोजित जन भरोसा कार्यक्रम इसका उदाहरण है।
उनके अनुसार, एक परिवार एक नौकरी (ओएफओजे) योजना को विधानसभा में पारित कर बिना आय वाले गरीब परिवारों को मासिक आय का स्रोत प्रदान करना ही एसडीएफ पार्टी की योजना थी। इसके तहत पांच वर्ष तक स्थाई रहने की व्यवस्था थी और कर्मचारियों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार नियमित रोजगार की गारंटी दी गई थी। लेकिन, 2019 में एसडीएफ पार्टी को विपक्ष में रहने के जनादेश के बाद शिक्षित बेरोजगार वर्ग को न्याय दिलाने का उसका सपना अधूरा रह गया। इसी बीच मौजूदा सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री तथा कुछ स्वयंभू नेता अब हम पर युवाओं को न्याय देने के बजाय पक्षपात करने का आरोप लगा कर एसडीएफ सरकार के दौरान नियुक्त ओएफओजे और अन्य अस्थायी कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से हटा रहे हैं। एसडीएफ पार्टी अस्थायी कर्मचारियों के पेट पर लात मारने की इस सरकारी नीति की कड़ी निंदा करते हुए बर्खास्त कर्मचारियों को जल्द से जल्द अपनी सेवाओं में वापस लेने की चेतावनी देती है।
वहीं, राई ने बताया कि ओएफओजे योजना के खिलाफ एसकेएम पार्टी ने राज्य उच्च न्यायालय में केस भी दायर किया है जिसकी सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने ओएफओजे को एक जनकल्याणकारी योजना बताते हुए ऐसे कर्मचारियों को बाहर नहीं किये जा सकने का आदेश भी दिया है। लेकिन एसकेएम सरकार ने न्यायालय के आदेश का अनादर करते हुए कई कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। एसडीएफ पार्टी न्यायालय की अवमानना वाली सरकार के इस कुकृत्य की कड़ी निंदा करती है और बर्खास्त कर्मचारियों को यह आश्वासन भी देती है कि सरकार में आते ही वे ऐसे बर्खास्त कर्मचारियों को तुरंत बहाल करेंगे।
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