नामची : विशेष बच्चों के लिए जिला स्तरीय विशेष ओलंपिक भारत (एसओबी)-सिक्किम चैप्टर (एससी) का आयोजन बुधवार को नामची के भाइचुंग स्टेडियम में किया गया। इस एक दिवसीय विशेष खेल गतिविधि का आयोजन स्पेशल ओलंपिक भारत-सिक्किम चैप्टर द्वारा शिक्षा (समग्र शिक्षा) और खेल एवं युवा मामले विभाग के सहयोग से किया गया था।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नामची सिंगीथांग के विधायक सतीश चंद्र राई उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में सुश्री अनुपा तमलिंग (डीसी, नामची), सुभाष घिमिरे (एडीसी नामची, मुख्यालय), निम पिंट्सो भूटिया (एसडीएम, नामची), कुबेर शर्मा दहाल (अध्यक्ष, स्पेशल ओलंपिक भारत), सुमन लेप्चा (निदेशक संस्कृति विंग, स्पेशल ओलंपिक भारत), सुश्री छिरिंग ओंगमू (जेडी खेल और युवा मामले), नामची नगर निगम (एनएमसी) के अध्यक्ष और पार्षद, गणमान्य व्यक्ति और कोच के साथ-साथ विभिन्न स्कूलों और संस्थानों के प्रिंसिपल, विभिन्न विभागों के एचओ और अल्पाइन विश्वविद्यालय, कामरांग के स्नातक छात्र उपस्थित थे, जिन्होंने आज के कार्यक्रम के लिए स्वयंसेवकों के रूप में सक्रिय रूप से भाग लिया।
सबसे पहले मुख्य अतिथि ने ओलंपिक की भावना के प्रतीक के रूप में ओलंपिक मशाल प्रज्वलित की। तत्पश्चात मुख्य अतिथि ने खेल के आरंभ की घोषणा की। सतीश चंद्र राई ने अपने संबोधन में इस आयोजन के सफल आयोजन के लिए सिक्किम-भारत ओलंपिक की पूरी टीम की हार्दिक सराहना की। उन्होंने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग गोले की खेलों के प्रति रुचि की सराहना की, जिससे उन्हें हमारे दैनिक जीवन में खेलों और गतिविधियों के सकारात्मक प्रभाव को गहराई से समझने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि खेलों को अपने जीवन में शामिल करने से अनुशासन, समय की पाबंदी और जीवन में जीतने की दृढ़ इच्छाशक्ति जैसे आवश्यक गुणों का विकास होता है। उन्होंने युवाओं को संतुलित और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के साधन के रूप में शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से स्वस्थ आदतें विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने एनजीओ से आग्रह किया कि वे विशेष बच्चों को अपना सहयोग प्रदान करें तथा उन्हें अपनी सर्वोच्च क्षमता का पता लगाने में मदद करें। उन्होंने नामची के लोगों को ‘आई लव नामची’ थीम के तहत टीम वर्क अपनाने और चुनौतियों का सामना करने के बावजूद एक समुदाय के रूप में एक साथ बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विशेष रूप से विशेष बच्चों के प्रति अधिक प्रेम और करुणा के महत्व पर बल दिया, क्योंकि वे हमारे समाज के अन्य बच्चों से भिन्न नहीं हैं तथा समान ध्यान और देखभाल के हकदार हैं।
कुबेर शर्मा ने दिन की गतिविधियों की रूपरेखा बताई जिसमें लड़के और लड़कियों दोनों श्रेणियों के लिए 100 मीटर दौड़, 50 मीटर दौड़, बोसी और शॉटपुट शामिल थे। उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों के विजेता राज्य चैंपियनशिप में भाग लेंगे तथा तत्पश्चात राष्ट्रीय स्तर पर विशेष ओलंपिक भारत में राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन विशेष बच्चों में भविष्य के बुद्धिजीवी बनने तथा अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर स्वर्ण पदक प्राप्त करके राष्ट्र का गौरव बढ़ाने की क्षमता है। इसलिए, उन्होंने आज के कार्यक्रम में उनकी सक्रिय भागीदारी की सराहना की तथा इन बच्चों के पालन-पोषण में उनके अटूट समर्थन और समर्पण के लिए विशेष शिक्षकों की सराहना की। कार्यक्रम का समापन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम की सफलता में बहुमूल्य योगदान के लिए शिक्षकों और स्वयंसेवकों को भी प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए।
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