पाकिम । एटीएमए द्वारा कृषि विभाग (पाकिम) और आईसीएआर-केवीके के समन्वय से रविवार को एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, परखा में मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम मृदा नमूनाकरण और परीक्षण पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा मस्तिष्कों को मृदा स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक करना तथा टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है। वहीं कृषि और धरती माता दोनों की भलाई सुनिश्चित करने में छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देना भी है। कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग की उप निदेशक सह उप परियोजना निदेशक एटीएमए सुश्री रेबेका गुरुंग ने मृदा स्वास्थ्य और कृषि के संबंध में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य के आधार पर उर्वरक के उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने विद्यार्थियों को मृदा स्वास्थ्य और पौधों की वृद्धि के बीच गतिशील संबंध को समझने की आवश्यकता पर बल दिया तथा पर्यावरण अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने मिट्टी के नमूने लेने और जांच की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने स्वस्थ मिट्टी को बनाए रखने के लिए आवश्यक तत्वों के बारे में भी जानकारी दी। मृदा नमूनाकरण एवं परीक्षण पर तकनीकी सत्र एवं पावरपॉइंट प्रस्तुति आईसीएआर-केवीके के वैज्ञानिक डॉ. स्मृति रंजन प्रधान द्वारा दी गई।
उन्होंने मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता बनाए रखने में पोषक तत्वों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने मृदा नमूनाकरण एवं परीक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व पर भी बल दिया। आईसीएआर-केवीके के वैज्ञानिक डॉ. बोनिफेस लेप्चा द्वारा खेत में मिट्टी के नमूने लेने पर एक व्यावहारिक सत्र प्रदान किया गया, जिसके बाद मिट्टी प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया। हार्वेस्टो किट के उपयोग पर विस्तृत जानकारी श्रीमती बिनीता छेत्री (एआई) और रूपेश गुरुंग (कृषि सेवक) द्वारा प्रदान की गई। कार्यक्रम में ईआरएमएस परखा, कृषि निरीक्षक, एटीएम-एटीएमए और कृषि विभाग के कर्मचारी, शिक्षक, छात्र और कर्मचारी उपस्थित थे। स्वागत भाषण श्रीमती सबीना गुरुंग ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन दिनेश सुब्बा ने किया।
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