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सिक्किम की एकता को कमजोर कर रही है एसकेएम : कृष्णा खरेल

गंगटोक, 18 सितम्बर । सिक्किम की मुख्य विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी (SDF) ने मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) के नेतृत्व वाली वर्तमान सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा सरकार पर ताजा हमला बोलते हुए उसे नीतियों, सिद्धांतों और योजनाओं के बगैर जाति, धर्म और हिंसा का सहारा लेकर राजनीति करने वाला बताया है। साथ ही पार्टी ने सत्ताधारी नेताओं को झूठे बातें कर जनता को बरगलाने का आरोप भी लगाया है।

एसडीएफ के प्रचार प्रसार उपाध्यक्ष कृष्णा खरेल ने आज एक विज्ञप्ति में कहा कि गत 15 सितंबर को दक्षिण सिक्किम के रावांग्ला में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जैकब खालिंग ने दावा किया कि मौजूदा एसकेएम सरकार ने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखा गया है। यह सरासर गलत और निंदनीय है। उन्होंने कहा, पिछले चुनाव में सिक्किम की सभी जातियों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़का कर, उकसा कर और धमकी देकर सत्ता में आने वाली एसकेएम सरकार राज्य की सदियों पुरानी शांति, सामुदायिक सद्भाव और भाईचारा खत्म कर केवल कुछ पूंजीपतियों का समर्थन करने वाली सरकार है। इनका राजनीतिक उद्देश्य आपसी संदेह पैदा कर नफरत फैलाना और सिक्किम को लूटना है। हाल ही में तथाकथित सम्‍मेलन कार्यक्रम में इसी आशय का भाषण देकर उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे किस तरह की राजनीति चाहते हैं। उनके कार्यों से यह स्पष्ट हो गया है कि वे सिक्किमी समाज की एकता को कमजोर कर बाहरी ताकतों के साथ मिलकर सत्ता चलाना चाहते हैं।

खरेल ने आगे कहा कि राज्य में यह सर्वविदित है कि एसडीएफ सरकार ने अपने शासनकाल में कैसे सभी धर्मों का सम्मान किया है। मठों, मंदिरों, गुम्पाओं, चर्चों, मांगहिम, मांगखिम आदि को समान रूप से बढ़ाया, संरक्षित और निर्मित किया है। एसडीएफ सरकार में सभी जातियों की भाषा, साहित्य, संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाजों का पूरी तरह से संरक्षित किया गया। सभी जातियों की समान सुरक्षा और विकास की समावेशी नीति के कारण ही कोई भी जाति भेदभाव का शिकार नहीं हुई है। उन्होंने कहा, एसडीएफ से पहले की सरकार द्वारा की गई गलतियों के कारण नेपाली जातीय समूहों के छेत्री, बाहुन और नेवार समुदाय ओबीसी बनने से वंचित रह गए थे। बाद में एसडीएफ सरकार ने केंद्रीय ओबीसी के समान अधिकारों के साथ राज्य स्तर पर उन समुदायों के लिए समान भागीदारी और अवसर सुनिश्चित किया है। संस्कृत भाषा का कॉलेज खोलने वाली भी एसडीएफ सरकार ही है।

ऐसे में जैकब खालिंग को चुनौती देते हुए कृष्ण खरेल ने कहा कि वे सबूत के साथ आएं कि राज्य में इन कार्यों के अलावा एसकेएम सरकार ने क्या नया काम किया है। उन्होंने कहा, सरकारी कार्यक्रम में एसकेएम पार्टी का झंडा लगाने से सांप्रदायिक सद्भाव नहीं आता है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या वर्तमान में मनाया जा रहा तीज कार्यक्रम और नौमती बाजा कार्यक्रम राज्य सरकार या एसकेएम पार्टी द्वारा मनाया जा रहा है? केवल मुँह से चिल्लाने से सामाजिक सद्भावना नहीं आती। काम करना पड़ता है और उस काम को एसडीएफ सरकार ने सामाजिक न्याय की नीति के तहत पूरा किया है।

एसडीएफ प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सिक्किमी समाज को जाति के आधार पर बांटकर वोट चुराने और हत्या करने की एसकेएम की मंशा राज्य विरोधी है और एसडीएफ पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है। ऐसे में उन्होंने सिक्किमवासियों की एकता और सद्भावना से ही सिक्किम की सुरक्षा सुनिश्चित होने की बात कहते हुए कहा कि आने वाले चुनावों में लोग स्वयं ऐसे सत्ता के भूखे और जनविरोधी लोगों को जवाब देंगे।

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