गंगटोक । सिक्किम में चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। Sikkim Democratic Front (एसडीएफ) के प्रचार प्रसार सचिव कृष्ण खरेल ने एसकेएम के आरोपों पर पलटवार किया है।
खरेल ने कहा है कि जो लोग अपना पेट भरने के लिए राजनीतिक में जाते हैं, वे राजनीतिक धर्म पर कायम नहीं रह पाए हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखने वाले एसकेएम को न तो सिक्किम से मतलब है और न ही सिक्किम के लोगों से। खरेल ने कहा कि अपनी आंखों पर स्वार्थ का पर्दा डालकर असत्य, झूठ, षडयंत्रों और सिक्किम विरोधी गतिविधियों को सत्य मान लेना एसडीएफ की गुलामी मनोवृत्ति है।
Sikkim Krantikari Morcha के महासचिव कृष्ण लेप्चा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति से सिद्ध होता है कि सैद्धांतिक रूप से खोखली सोच की पराकाष्ठा पर पहुंच चुकी एसकेएम हार के डर से अवसाद में हैं। उन्होंने कहा कि सिक्किम सरकार को पांच साल में 1 लाख 10 हजार करोड़ मिले हैं, लेकिन सरकार ने उक्त राशि से बुनियादी ढांचे के विकास और जन कल्याण कार्यों में एक प्रतिशत भी नहीं किया है। सिक्किम की जनता का पैसा भ्रष्ट लोगों द्वारा इतनी बुरी तरह से हजम किए जाने के बाद लोगों को उपलब्धियां दिखाने के लिए उनके पास कोई जवाब नहीं है।
खरेल ने कहा कि सिक्किम के लोग केंद्रीय कानून सीएए, एनआरसी, एक देश एक राशन कार्ड, जन्म और मृत्यु पंजीकरण, वित्त अधिनियम 2023 लाकर सिक्किम की पहचान और अधिकारों को नष्ट करने के एसकेएम सरकार के प्रयासों के बारे में सच्चाई जानते हैं, जो सीधे तौर पर सिक्किम के विशेष संवैधानिक अधिकार 371एफ में हस्तक्षेप करता है।
कथित कोरोना राहत पैकेज घोटाला समेत कई अन्य घोटालों का जिक्र करते हुए खरेल ने कहा कि अब वे फर्जी आवंटन आदेश वितरित करके चुनाव को प्रभावित करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। एसडीएफ पार्टी के अध्यक्ष श्री पवन चामलिंग द्वारा उनकी जनविरोधी गतिविधियों के खिलाफ पहाड़ की तरह मजबूती से खड़े होने के बाद वे उन्हें घेरने में व्यस्त हो गये हैं। इसीलिए उन्हें सपने में पवन चामलिंग दिखाई देते हैं। यह उनकी मानसिक बीमारी बन गयी है। एसडीएफ ने जो घोषणा की है, उसे पूरा करके दिखाया है। हम जो घोषणा करते हैं, उसे शत-प्रतिशत पूरा भी करेंगे, किसी को संदेह करने की गुंजाइश नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि एसडीएफ एसकेएम जैसी पार्टी नहीं है, जो चुनाव में घोषणा कर लोगों को ठंडे बस्ते में सुला दे। किसी को भी हमारी घोषणाओं के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। एसकेएम नेता कृष्ण लेप्चा को यह जानना चाहिए कि अपनी उपलब्धियों और कार्यों के बारे में बताकर दिल जीतें, लेकिन दूसरों की आलोचना करके नहीं। खरेल ने सुझाव दिया है कि एसकेएम पार्टी सिक्किम के लोगों से जुड़े मुद्दों को लेकर राजनीति में आगे आये।
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