गंगटोक, 13 सितम्बर । Sikkim Democratic Front (एसडीएफ) ने सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी के नेताओं द्वारा सार्वजनिक सभाओं में पूर्व सरकार को बदनाम करने के लिए झूठे तथ्य देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह उनकी विफलता और घटती लोकप्रियता की हताशा है।
एसडीएफ की प्रचार सचिव जुडी राई ने विज्ञप्ति में कहा कि बीते 9 सितंबर को सियारी क्षेत्र के स्कूल में आयोजित एक रक्तदान एवं स्वास्थ्य शिविर में राज्य के शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा ने कहा कि एसकेएम सरकार ने पिछले चार वर्षों में वो किया है जो एसडीएफ सरकार ने 25 सालों में नहीं किया। जनता के वोट से मंत्री बने एक व्यक्ति के लिए इस तरह जनता के सामने झूठी बातें कहना उनकी अज्ञानता का ही नमूना है। ऐसे बेतुके बयान देने के बजाय उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए था एसकेएम सरकार के कार्यकाल की सबसे अच्छी जनमुखी और लोक कल्याणकारी नीतियां क्या हैं। इसलिए, उनका भाषण अपनी सरकार के अविवेक और विफलताओं पर पर्दा डालने के अलावा और कुछ नहीं है।
राई ने आगे कहा कि एसडीएफ सरकार के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में बनाए गए अभूतपूर्व बुनियादी ढांचे को अभी तक ठीक से संचालित, संगठित और संरक्षित नहीं किया गया है, जो एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने एसडीएफ शासनकाल में बने राज्य के सिच्छे मल्टी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल का उदाहरण देते हुए कहा कि आए दिन सोशल मीडिया पर लोगों को इस बात की शिकायत करते हुए सुना और देखा जा सकता है कि उसका संचालन और प्रबंधन सुचारू रूप से नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार इस अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध कराने में भी विफल रही है। यह एक दुखद विषय है।
उन्होंने कहा, दरअसल आज राज्य के जिला अस्पतालों से लेकर गांवों में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक का बुनियादी ढांचा एसडीएफ सरकार की विरासत है। वर्तमान सरकार द्वारा आज तक कोई नया कार्य करने का कोई रिकार्ड नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने एसकेएम सरकार के दौरान छह महीने से अधिक समय तक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग का बिना किसी मंत्री के संचालन का आरोप भी लगाया।
SDF प्रवक्ता ने कहा कि पवन चामलिंग के नेतृत्व में मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष, कैच कार्यक्रम, गर्भवती महिलाओं को आयरन-विटामिन की दवा का मुफ्त वितरण, सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु मुफ्त टीके आदि कई जनकल्याणकारी एवं स्वास्थ्य योजनाएं लागू की गईं। इसके अलावा, एसडीएफ शासनकाल में ही एमबीबीएस शिक्षा के लिए 50 सीटों का प्रबंधन किया गया है। दूसरी ओर, एसकेएम ने सिच्छे अस्पताल परिसर में एक मेडिकल कॉलेज संचालित करने की योजना भी रद्द कर दी है, जबकि एसडीएफ सरकार के दौरान देश के कई अन्य अस्पतालों के साथ अनुबंध किया गया था। ऐसे में उन्होंने पूछा, वर्तमान सरकार ने अन्य अस्पतालों के साथ कहां समझौते किए हैं, कहां नए अस्पताल बनाए हैं और कौन सी नई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं?
राई ने कहा, वर्तमान सरकार ने एसडीएफ सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का नाम बदलने के अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में कोई अन्य बड़ा काम नहीं किया है। वहीं, वर्तमान सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किया गया अतुलनीय कार्य आज तक शिक्षा मंत्री तक ही सीमित है। जबकि हजारों स्कूलों और कई कॉलेज भवनों के निर्माण के अलावा मुफ्त पाठ्य-पुस्तक, स्कूली पोशाक, मध्याह्न भोजन, मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना, देश के 20 प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने वाले छात्रों को वित्तीय सहायता आदि ऐसे कई उदाहरण हैं, जो एसडीएफ शासन की देन है। ऐसे में शिक्षा मंत्री के लिए इस तरह की अनुचित टिप्पणियां करना छड़ी के सहारे आसमान नापने जैसा है। यह अपनी सरकार की विफलता और घटती लोकप्रियता की हताशा के सिवा और कुछ नहीं है।
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