गंगटोक । सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) प्रवक्ता सीपी शर्मा द्वारा पिछले दिनों दिए गए बयान की कड़ी निंदा करते हुए विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) ने आज राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है।
एसडीएफ के प्रचार उपाध्यक्ष कृष्ण खरेल ने आज कहा कि एसकेएम पार्टी सिर्फ बदमाशों, गैर-जिम्मेदारों और पालतू दुष्टों का एक समूह है जो झूठे आरोप लगाने, बदनाम करने, साजिश और अनर्गल व बेतुके बयान देने को अपनी राजनीतिक संस्कृति मानती है। उन्होंने कहा, एसकेएम के तथाकथित बुद्धिजीवी कहे जाने वाले प्रवक्ता सीपी शर्मा ने जिन शब्दों, शैली और भाषा में एसडीएफ की आलोचना की है, उसे सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता है। उनकी भाषा शैली और शब्दों को देखकर ऐसा लगता है कि वे जंगली समाज में पले-बढ़े हैं और उन्होंने जंगली समाज को ही संबोधित किया है।
खरेल ने आगे कहा कि एसकेएम प्रवक्ता सीपी शर्मा द्वारा जारी प्रेस बयान में एसकेएम का असली चरित्र उजागर हो गया है। सरकार की जिम्मेदारी एवं उत्तरदायित्व क्या है और अपराधियों को कैसे सजा दी जाए, यह भूलकर वे दोषारोपण का घिनौना खेल खेल रहे हैं। वे यह भी भूल गए हैं कि उन्होंने सरकार में आते ही राज्य में भ्रष्टाचार, हिंसा, हत्या और आपराधिक घटनाओं की सीबीआई जांच कर दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया था। लेकिन पिछले पांच वर्षों के सत्ता सुख में वे इसे भूल गए हैं। अब फिर से वे उन्हीं पुराने आरोपों की सीढि़यां चढ़कर सत्ता सुख का सपना देखने लगे हैं।
वहीं, वरिष्ठ एसडीएफ नेता केएन राई पर हुए जानलेवा हमले के लिए एसकेएम के लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए खरेल ने कहा कि एसकेएम सरकार ने मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने के बजाय घटना को राजनीतिक बताकर अपराधी को बचाने की कोशिश की। सीपी शर्मा को यह समझना चाहिए। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि सत्ता में पांच साल की विफलता को छिपाने के लिए एसकेएम सरकार दूसरों पर दोष मढ़कर खुद को अलग कर रही है।
इसके साथ ही खरेल ने एसकेएम सरकार पर पिछले पांच सालों में सिक्किम की अर्थव्यवस्था को बदहाल बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी संपत्तियों और धरोहरों को बेच दिया गया है। गरीबी चरम पर है, बेरोजगारी दर आसमान छू रही है और लोगों की क्रय शक्ति कम हो गई है। आपराधिक घटनाओं में वृद्धि के कारण राज्य को आतंक के माहौल में रहना पड़ रहा है। वहीं, राज्यवासियों के विशेष अधिकार और सिक्किम की पहचान को भी खत्म कर दिया गया है। ऐसे में एसकेएम प्रवक्ता सरकार को सलाह देने की बजाय अपना पेट भरने के लिए आरोप-प्रत्यारोप का घिनौना खेल खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसकेएम को लोगों द्वारा दी गई सत्ता की जिम्मेदारियों और इसकी गरिमा की रक्षा हेतु ईमानदारी से कार्य करना चाहिए।
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