गंगटोक : सिक्किम राज्य की 50वीं वर्षगांठ पर सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) पार्टी अपनी सरकार के दौरान राज्य के विकास कार्यों एवं उपलब्धियों का राज्य से लेकर राष्ट्रीय मंच पर बखान कर रही है। वैसे में, विपक्ष सिटीजन एक्शन पार्टी-सिक्किम ने उस पर सत्ता में बने रहने के लिए दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया है।
सीएपी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि एसकेएम द्वारा दिये गये कल के बयान से यह स्पष्ट हो गया कि उनकी प्राथमिकता न तो जनहित है और न ही उनका आलोचना के प्रति सम्मान है। उनकी प्राथमिकता सत्ता को बनाए रखने वाली कोई भी भाषा और कार्रवाई है, जिसमें दुर्व्यवहार, धमकी और झूठ का प्रचार उनके मुख्य हथियार बन गए हैं। सीएपी नेता तथा नामची जिला उपाध्यक्ष सोनम छिरिंग लेप्चा ने कहा, जब राष्ट्रीय मंच पर “राम राम” दिखाने और सिक्किम में आलोचकों का गला काटने के लिए भाषाई चाकू का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
लेप्चा ने कहा, सत्तारूढ़ पार्टी ने विपक्ष को “राजनीतिक बच्चा” कहकर अपना अहंकार दिखाया है। यदि राजनीतिक परिपक्वता का मतलब लोगों को जवाब देने का साहस है, तो एसकेएम ने वह साहस खो दिया है। हमारे प्रश्न तथ्यों पर आधारित हैं, लेकिन सरकार का जवाब आप बच्चे हैं, हम पिता हैं की शैली में रहा है। ऐसी अशिष्टता लोकतांत्रिक बहस का नहीं, बल्कि अधिनायकवाद का संकेत है। उन्होंने कहा, यह अपने आप में हास्यास्पद है कि पश्चिमी सिक्किम के “स्वर्ग की सीढ़ी” जैसे संवेदनशील मुद्दे को राष्ट्रीय मंच पर उपहासपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। इसकी आलोचना करना स्वाभाविक है, लेकिन इसे नस्लीय मुद्दा बनाकर सीएपी पर हमला करना अच्छी आलोचना को दबाने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास है। उन्होंने सवाल किया, क्या यह परियोजना विकास के नाम पर संस्कृति बेचने का व्यवसाय नहीं है? क्या इसका लोगों के रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा?
इसके साथ ही सीएपी नेता ने एसकेएम पर लेप्चा जाति का उपहास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि सीएपी ने हमेशा लेप्चा समुदाय सहित राज्य के सभी जातीय समूहों के इतिहास, पहचान और योगदान का सम्मान किया है। इसके विपरीत, एसकेएम सरकार स्वदेशी समुदाय के नाम पर केवल राजनीतिक ब्रांडिंग कर रही है, और वास्तव में उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रति गंभीर नहीं है। जाति के नाम पर राजनीति करना और आलोचना होने पर उसे जाति और भावना की आड़ में ढक देना, इस सरकार की शैली है। लेकिन अब सिक्किम के लोग समझ गए हैं।
लेप्चा ने आगे कहा कि एसकेएम नेता द्वारा “गंदी चाल” और “घृणित खेल” शब्दों का प्रयोग उनकी सरकार की सोच को दर्शाता है। यह आलोचना के प्रति आपकी अत्यधिक असहिष्णुता और लोकतांत्रिक संवाद की मौलिकता के प्रति शासन की गहरी अवमानना दर्शाता है। यदि सरकार सचमुच आश्वस्त है तो उसे तर्क प्रस्तुत करने चाहिए, अपमान नहीं। सीएपी जिला नेता ने कहा, विकास का मतलब सिर्फ माइक्रोफोन थामना और राष्ट्रीय मंच पर भाषण देना नहीं है। सम्मेलन के पर्दे के पीछे प्रांत की वास्तविकता क्या है? क्या वहां गरीबी कम हुई है? क्या बेरोजगारी की समस्या हल हो गयी है? क्या किसान खुश हैं? क्या शिक्षकों की आवाज सुनने के लिए कोई नीति है? क्या सिक्किम में विपक्ष को वही दर्जा दिया गया है जैसा मुख्यमंत्री ने माइक्रोफोन पर बोला था?
इसके साथ ही सीएपी ने एसकेएम सरकार को सुझाव देते हुए आलोचना सहने का साहस रखने, जाति को ढाल नहीं बनाने, अधिकारों को रास्ता दिखाने और भाषण नहीं, बल्कि परिणाम दिखाने को कहा।
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