गंगटोक । प्रमुख विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी का कहना है कि राज्य की बागडोर संभालने वाली सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने अपनी राजनीतिक जमीन खो दी है और आज उसका असली रूप सबके सामने आ गया है। इसी हताशा में वह अपने झूठे प्रचार प्रयासों से राज्य की राजनीतिक स्थिति को कम कर रही है। एसडीएफ ने कहा कि आज सर्वविदित है कि प्रोपेगंडा और दुष्प्रचार की बुनियाद पर बनी एसकेएम प्रचार के कारण समाप्ति की ओर जा रही है। ऐसे में राज्यवासियों को वर्तमान में सचेत होकर एक सही नेतृत्व का चुनाव करना होगा।
एसडीएफ की प्रचार सचिव जुडी राई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मौजूदा सत्ताधारी एसकेएम पार्टी ने 2019 के अपने चुनावी घोषणापत्र के एक भी वादे पूरे नहीं किए है। ऐसे में यह देखने वाली बात है कि पार्टी अगले चुनाव के लिए लोगों से वोट कैसे मांगेगी। ऐसे में जनता को गुमराह करने के लिए आज एसकेएम पार्टी और उसके नेता जाति-धर्म जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक प्रचार करने के लिए निचले स्तर का काम कर रहे हैं। लेकिन वे यह नहीं जानते कि उनका यह कुकृत्य हरेक सिक्किमवासियों के वर्तमान और भविष्य के लिए कितना खतरनाक है।
इसके अलावा, सत्ताधारी पार्टी के नेता अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई देख कर आज लोगों को खुलेआम धमकी भी दे रहे हैं। वहीं, वर्तमान मुख्यमंत्री अपने धमकी भरे भाषणों और विरोधाभासी बयानों से मुख्यमंत्री पद की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह कहीं भी स्वीकार्य नहीं है।
श्रीमती राई ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि वह स्वभाव से अलोकतांत्रिक और हिटलरवादी हैं। उनके अनुसार, मुख्यमंत्री का धमकी भरा भाषण सिक्किम में राजनीतिक उग्रवाद का प्रमाण है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव ने भी लोगों को खुली धमकी दी है कि ‘जो लोग वोट नहीं देंगे उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा, सरकार के पास स्थायी कर्मचारियों को भी नौकरी से निकालने की शक्ति है।’ उन्होंने कहा, पिछले चुनाव में आम लोगों के बीच भ्रम का जाल बिछाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था, लेकिन धोखाधड़ी, साजिश और दुष्प्रचार के जरिए सत्ता हासिल करने में सफल रही एसकेएम पार्टी में सरकार चलाने की क्षमता और दूरदर्शिता नहीं रही है और इसने राज्य को हर तरह से खतरे में डाल दिया है। राज्य की सारी संपत्तियां बेच दी गयी हैं।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, एसकेएम सरकार ने अपनी सत्ता बचाने के लिए समझौता करते हुए राज्यसभा सांसद चुनाव प्रक्रिया में भी भाजपा का समर्थन किया है। यह सिक्किम के भूटिया-लेप्चा समुदाय और यहां के नेपाली बहुसंख्यक समुदाय के लिए घातक है। राई ने आगे कहा कि सरकार की गलत नीति के खिलाफ बोलने और लिखने वालों के खिलाफ पार्टी के युवाओं का इस्तेमाल पैसे और पद का लालच देकर किया जा रहा है। वहीं, सरकार की खिलाफत करने वालों पर हमले होते हैं और उन्हें बार-बार थाने में बंद कर दिया जाता है और ओएफओजे के नाम पर साधारण कर्मचारियों को भी नौकरी से निकाला जा रहा है। इस प्रकार मौजूदा शासन ने सिक्किम में राजशाही से भी अधिक कठोर शासन स्थापित कर दिया है, जो पूरे राज्य वासियों के बीच नफरत का माहौल पैदा करके उन्हें उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित कर देता है।
राई ने आगे कहा कि सत्ता में आने के बाद से ही यह सरकार यह भूलकर कि सरकार और प्रशासन एक दूसरे के पूरक हैं, अपनी ताकत के घमंड में चूर हो गयी है और प्रशासन का भी दमन और दुरुपयोग कर रही है। मौजूदा सरकार में सबसे अधिक पुलिस-प्रशासन का दुरुपयोग हुआ है। ऐसे में राज्य का पुलिस-प्रशासन पंगु हो गया है और लोगों में उसकी विश्वसनीयता खत्म हो गयी है। उन्होंने कहा, एसकेएम ने हमारे नेता पवन चामलिंग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक और प्रचार किया कि उन्होंने सिक्किम की बजट राशि का अमेरिका में निवेश किया और वहां घर भी बनाया है। साथ ही उन्होंने चामलिंग पर मुख्यमंत्री के रूप में अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सीबीआई को रोकने और गलत सूचना फैलाने का भी आरोप लगाया है। यदि ऐसा है तो एसकेएम ने सत्ता में आने के बाद इसकी सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाई? वास्तविकता यह है कि लोग समझ चुके हैं कि ये सब सिर्फ एसकेएम का राजनीतिक प्रोपेगेंडा है। उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि एसडीएफ सरकार के दौरान राज्य में एक भी सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई और सभी धर्मों, जातियों, परंपराओं, संस्कृतियों और भाषाओं की रक्षा एवं प्रचार-प्रसार किया गया।
ऐसे में राई ने राज्य वासियों से आग्रह करते हुए कहा कि यदि हम सिक्किम में जागरूक नहीं हुए और एसकेएम पार्टी की कूटनीति को नहीं समझे तो कल का सिक्किम सही-सलामत नहीं होगा। उस समय हमारे पास अपने गलत निर्णयों पर पश्चाताप करने का समय नहीं मिलेगा। इसके लिए आज जनता को जागरूक होकर सिक्किम को सही नेतृत्व के हाथों में सौंपने की जरूरत है।
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