गंगटोक । सिक्किम के पहले निर्वाचित लोकसभा सांसद पहलमान सुब्बा का आज लंबी बीमारी के बाद 90 वर्ष की आयु में गंगटोक में निधन हो गया। सुब्बा ने 1980 में सिक्किम जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव जीता था और 1984 तक सांसद रहे। वह सिक्किम के दूसरे सांसद और चुनाव लड़ने वाले पहले सांसद थे। उनसे पहले सिक्किम के भारत में शामिल होने के बाद 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता छत्र बहादुर छेत्री राज्य से पहले सांसद चुने गए थे।
सुब्बा के निधन पर मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने शोक जताते हुए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह गोले आज सुब्बा की मृत्यु का समाचार सुनने के बाद सेंट्रल रेफरल अस्पताल पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सुब्बा के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। गोले ने कहा, मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।
दिवंगत सुब्बा के परिवार के अनुसार, सुब्बा के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को अंतिम संस्कार के लिए सोरेंग जिले में उनके पैतृक गांव टिंबुरबुंग ले जाया जाएगा। राज्य सरकार ने इस दिन राज्य में कोई मनोरंजन गतिविधि नहीं होने की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि पहलमान सुब्बा छोग्याल पाल्देन थोंडुप नामग्याल और पूर्व मुख्यमंत्री नर बहादुर भंडारी के नेतृत्व वाले सिक्किम समर्थक और विलय विरोधी गुट का हिस्सा थे।
उन्होंने 1979 में सिक्किम के पहले मुख्यमंत्री लेंडुप डी काजी की पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया। 1984 में, सुब्बा ने पहली कांग्रेस सरकार के भीतर असंतुष्टों का नेतृत्व कर मुख्यमंत्री नर बहादुर भंडारी को हटा दिया। बाद में उन्होंने अपना ध्यान पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग पर केंद्रित किया, जो उस समय भंडारी के नेतृत्व वाली सिक्किम संग्राम परिषद के विधायक थे।
बाद में, सुब्बा ने पवन चामलिंग पर भी विश्वास खो दिया और 2018 में चामलिंग शासन के खिलाफ मुखर रहे। वह लिंबू तमांग समुदायों के विधानसभा सीट आरक्षण के लिए लंबे समय से प्रचारक थे।
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