गंगटोक : राजधानी नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में आज आरंभ हुए क्रिएटिव इकॉनमी फोरम में सिक्किम ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। यह फोरम भारत की रचनात्मक उद्योगों, नीति-निर्माताओं और वैश्विक विचारकों का संगम है, जहां देश की ऑरेंज इकॉनमी या क्रिएटिव इकॉनमी के भविष्य पर विचार-विमर्श किया गया।
सिक्किम से इस अवसर पर संजय दिलपाली राई (अध्यक्ष, सिक्किम कला, संस्कृति एवं धरोहर विकास बोर्ड), अन्नपूर्णा आले (सचिव, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग), योगन तमांग (मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव) तथा बिशाल खवास (अतिरिक्त निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग) सहित अन्य अधिकारी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न बी2बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) बैठकों में भाग ले रहा है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय रचनात्मक अर्थव्यवस्था के साथ संस्थागत एवं औद्योगिक संबंधों को सुदृढ़ करना है।
ये बैठकें सिक्किम की प्राथमिकताओं जैसे रचनात्मक विकास, एनिमेशन एवं डिजिटल हेरिटेज, डिजाइन उद्यमिता और सांस्कृतिक उद्योगों के विस्तार को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही हैं। फोरम की रूपरेखा में सरकारी, औद्योगिक, मीडिया और निवेश क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ सत्र शामिल हैं। चर्चाओं में सिक्किम की रचनात्मक पहचान के लिए राष्ट्रीय मीडिया साझेदारी को प्रोत्साहन, एनिमेशन और अभिलेखागार डिजिटलीकरण के लिए नीतिगत ढांचे का निर्माण, वैश्विक सांस्कृतिक संस्थानों के साथ रेजिडेंसी समझौते की रूपरेखा तथा रचनात्मक उद्योगों के लिए निवेश और मोनेटाइजेशन के अवसरों का सृजन आदि विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया।सिक्किम की ओर से दो विशिष्ट प्रतिभागियों ने पैनल चर्चाओं में भाग लिया।
डीसी रोहन अगवाने ने नोमैड सिक्किम पहल के अंतर्गत विकसित भारत के पहले डिजिटल नोमैड गांव याकतेन मॉडल की प्रस्तुति दी। वहीं, दिवाकर बस्नेत (संस्थापक एवं सीईओ, 24 आवर्स इंस्पायर्ड) ने क्रिएटिव सिक्किम : बिल्डिंग एंटरप्राइजेज फ्रॉम द हिमालयाज विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने सिक्किम को भारत की एनिमेशन राजधानी बनाने की आशा व्यक्त की। फोरम के दौरान सिक्किम प्रतिनिधिमंडल ने हरमन बवेजा (बवेजा स्टूडियोज) और संजय निगम (फैशन एन्त्रप्रेन्योर फंड के संस्थापक) सहित कई उद्योगपतियों से मुलाकात की।
इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की उस दूरदर्शी सोच को साझा किया, जिसके तहत सिक्किम को रचनात्मकता और निवेश का केंद्र बनाने का संकल्प लिया गया है। फोरम में मिली ऊर्जा और प्रोत्साहन के आधार पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सिक्किम को भविष्य में क्रिएटिव इकॉनमी फोरम के मेजबान राज्य के रूप में प्रस्तुत करने की पहल की है। प्रस्ताव दो विकल्पों पर विचार करता है, जिसमें पहला सीईएफ को सिक्किम के प्रतिष्ठित माघे मेला के साथ जोड़ना और दूसरा सीईएफ सिक्किम संस्करण के रूप में अलग आयोजन करना शामिल है।
इन दोनों मॉडल्स का उद्देश्य सिक्किम को संस्कृति, वाणिज्य और सृजनात्मकता के संगम केंद्र के रूप में स्थापित करना है। भारत सरकार की विकसित भारत 2047 की दृष्टि के अनुरूप, क्रिएटिव इकॉनमी फोरम को तीन प्रमुख स्तंभों नीति, व्यापार और सृजनशीलता पर आधारित किया गया है। दो दिवसीय यह फोरम भारत की तीव्र गति से डिजिटल हो रही रचनात्मक उद्योगों को राष्ट्रीय आर्थिक विकास के प्रमुख प्रेरक बल के रूप में प्रस्तुत करता है।
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