गंगटोक : सिटीजन एक्शन पार्टी (सीएपी) ने राज्य की संप्रभुता और संवैधानिक रूप से संरक्षित अस्तित्व के खिलाफ बार-बार दिए गए असंवैधानिक, भ्रामक और दुस्साहसिक बयानों पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
इस संबंध में सिटीजन एक्शन पार्टी के राजनीतिक मामलों के उपाध्यक्ष भूषण अधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि दार्जिलिंग से गोरखा सेवा सेना के कुछ प्रतिनिधि कल सिक्किम आए और सिक्किम-दार्जिलिंग एकीकरण के मुद्दे पर मीडिया को संबोधित किया। इसके साथ ही सिक्किम के नागरिकों का प्रतिनिधित्व करने के नाम पर नोएल शर्मा को इसमें शामिल किया। यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण, अपमानजनक और खतरनाक प्रवृत्ति का संकेत है। सीएपी-सिक्किम ऐसी दुस्साहसिक मुलाकात को राज्य सरकार की कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति और आत्मसंतुष्टि का स्पष्ट संकेत मानती है।
उन्होंने कहा कि कल नोएल शर्मा का बयान सिक्किम की मौलिकता, इतिहास और लोगों की भावनाओं के विपरीत है, जिसमें उन्होंने तथ्यहीन, साक्ष्यहीन और काल्पनिक दावा किया कि 70 प्रतिशत सिक्किमवासी दार्जिलिंग के साथ विलय के पक्ष में हैं। यह पूरे राज्य के स्वाभिमान पर गंभीर हमला है। श्री अधिकारी ने कहा कि यह तब और भी गंभीर हो जाता है जब वह विदेशी नागरिकों, विशेषकर पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और राज्य के बाहर के बिहार के नागरिकों को सीओआई देने की बात स्वीकार करते हैं तथा लिम्बू-तमांग सीट आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे को एकीकरण के लिए एक आवश्यक पूर्व शर्त के रूप में प्रस्तुत करते हैं। इस तरह के अतार्किक और खतरनाक बयानों से सीएपी-सिक्किम इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि नोएल शर्मा किसी बाहरी ताकत या अपने मालिक की भाषा बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीति में यह कहना भी असंभव है कि मैं पिटने का नाटक करता हूं, तुम रोने का नाटक करो। सीएपी-सिक्किम के दृष्टिकोण से यह घटनाक्रम न केवल राज्य विरोधी है, बल्कि यह सिक्किम के अस्तित्व, भावना और संवैधानिक रूप से गारंटीकृत अधिकारों पर एक सुनियोजित हमला है। भाषा और संस्कृति के नाम पर एकीकरण की बात करना, वह भी 50 साल पहले के ऐतिहासिक विलय समझौते पर सवाल उठाकर, पूरे सिक्किम के लोगों के साथ विश्वासघात है। सिक्किम का भारत में विलय संविधान की परिपक्व प्रक्रिया के तहत हुआ था। किसी को भी इसकी समीक्षा करने या इसे विकृत करने का अधिकार नहीं है, न तो राज्य के भीतर और न ही बाहर।
उन्होंने कहा कि 29 मई 2025 को जब सिक्किम अपनी 50वीं स्वर्ण जयंती धूमधाम से मना रहा था, तब प्रधानमंत्री से मिलने के लिए डॉ हर्क बहादुर छेत्री के रंगपो पहुंचने की घटना और उसके कुछ दिनों बाद नोएल शर्मा द्वारा दिए गए बयान के बीच संबंध ने सीएपी-सिक्किम को राज्य के खिलाफ एक गंभीर साजिश का आभास दिया है। सीएपी नेता ने कहा कि इसको लेकर सिक्किम सरकार को औपचारिक रूप से भारत सरकार को स्पष्ट और दृढ़ संदेश के साथ पत्र लिखना चाहिए कि दार्जिलिंग-सिक्किम विलय संवैधानिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक रूप से असंभव है। राज्य सरकार ऐसे मनगढ़ंत बयानों का सार्वजनिक रूप से खंडन करे और संविधान और राज्य की ऐतिहासिक भावना की रक्षा करें। नोएल शर्मा और असंवैधानिक गतिविधियों में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ जांच शुरू की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि विशेष सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे ऐसी भ्रामक गतिविधियों में शामिल किसी भी गुट या समूह को राज्य में पुनः प्रवेश करने से रोकें। सीएपी-सिक्किम पूरे राज्य को यह स्पष्ट रूप से आश्वस्त करना चाहता है कि सिक्किम न तो व्यापार की जाने वाली वस्तु है और न ही प्रयोगशाला का नमूना है। सिक्किम हमारी पहचान है, हमारा इतिहास है और हमारी भावी पीढ़ियों के लिए एक गौरवपूर्ण संपत्ति है। हम किसी भी षड्यंत्र, दबाव, भ्रम या आंतरिक विश्वासघात से प्रभावित नहीं होंगे। राज्य की मिट्टी, संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिए हम हमेशा सबसे आगे रहेंगे।
विश्व पर्यावरण दिवस समारोह में शामिल हुए राज्यपाल व मुख्यमंत्री
गंगटोक : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज स्थानीय देवराली स्थित नामग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी (एनआईटी) में राज्य स्तरीय समारोह बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस वर्ष “एक पेड़ मां के नाम” और “वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करें” की थीम के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर, मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, वन एवं पर्यावरण मंत्री पिंछो नामग्याल लेप्चा सहित कैबिनेट मंत्री, विधायक, सलाहकार, लोकसभा सांसद, सरकारी विभागों के प्रमुख, अन्य अधिकारी और विभिन्न स्कूलों-कॉलेजों के छात्र शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत में छात्रों की एक पर्यावरण रैली और स्वच्छता अभियान को एनआईटी से सोवा रिग्पा संस्थान की ओर रवाना किया गया। वहीं, एनआईटी पार्क में “एक पेड़ मां के नाम” नामक एक वृक्षारोपण अभियान चलाया गया जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य लोगों ने अपनी माताओं और धरती माता को श्रद्धांजलि देते हुए पौधे लगाए। पौधरोपण अभियान में मुख्यमंत्री की मां भी मौजूद थीं। इसके साथ ही, अन्य प्रतिभागियों ने पूरे परिसर में सफाई अभियान चलाया। इसके अलावा, आज “एक पेड़ मां के नाम” थीम पर सिक्किम के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में भी विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया, जिनमें विधानसभा सदस्यों, वन अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाये।
वहीं, आज के कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने रुम्तेक गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल इको-क्लब को पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम 2024-25 के तहत सर्वश्रेष्ठ इको क्लब श्रेणी में बीते 14 मई को नई दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा प्रथम पुरस्कार प्रदान किये जाने पर सम्मानित किया गया। इसमें राज्य सरकार की ओर से स्कूल को एक ट्रॉफी और 2 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा राज्य भर के 18 स्कूलों में विश्व पर्यावरण दिवस की थीम पर एक निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। इसमें भाग लेने वाले 54 प्रविष्टियों में से सर्वश्रेष्ठ तीन को नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किंजोंग चोडेन लेप्चा को भी सम्मानित किया, जिन्होंने स्वेच्छा से अपनी भूमि वापस वन और पर्यावरण विभाग को हस्तांतरित की है। इस जमीन को 1970 के सर्वेक्षण के दौरान गलती से उनके नाम पर निजी भूमि के रूप में दर्ज किया गया था।
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