गंगटोक । सिक्किम समेत पूरे देश की सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना के साथ आज से सिक्किम राजभवन में तीन दिवसीय शिव मंदिर जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण तथा नंदीश्वर की प्राण प्रतिष्ठा का उद्घाटन समारोह पूरे विधि-विधान एवं परम्पराओं के साथ शुरू हुआ। कार्यक्रम का नेतृत्व काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ नागेंद्र पांडे ने किया। वहीं, मंदिर के मुख्य संरक्षक के रूप में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य एवं प्रथम महिला श्रीमती कुमुद देवी उपस्थित थीं।
समारोह में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ नागेंद्र पांडेय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भगवत शरण शुक्ल, प्रोफेसर पतंजलि मिश्र, प्रोफेसर माधव जनार्दन रताते, प्रोफेसर नारायण प्रसाद भट्टराई, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के अनुपम दीक्षित, डॉ मणि झा, डॉ उत्तम ओझा, चार धाम के पुजारी छवि लाल अधिकारी, पुजारी निर्मल गौतम, पुजारी पदम प्रसाद पोखरेल और तिब्बत रोड, गंगटोक के प्रसिद्ध गुरुजी दिवाकर प्रधान जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि काशी के विद्वानों द्वारा सिक्किम के राजभवन में चल रहे तीन दिवसीय शिव मंदिर जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण के लिए डॉ नागेंद्र पांडे के नेतृत्व में काशी से 8 सदस्यीय दल सिक्किम पहुंचा है। इसके तहत, सिक्किम में तीन दिवसीय सिक्किम काशी सांस्कृतिक समागम हो रहा है।
आज के कार्यक्रम के पहले दिन शिव मंदिर जीर्णोद्धार से जुड़े पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल ने अपनी उपस्थिति और इस उत्सव की भव्यता में योगदान देने के लिए सभी सम्मानित विद्वानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उत्सव के दौरान गणपति पूजा, कलश पूजा, हवन, नवग्रह होम, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा और मंत्र पुष्पांजलि सहित विभिन्न धार्मिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। कार्यक्रम में राजभवन के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि उक्त कार्यक्रम का समापन 15 जुलाई को होगा, जिसमें विशेष प्रार्थना और ‘संस्कृत भाषा के विकास’ विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें संस्कृत से जुड़े विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूल स्तर के शिक्षकों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
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