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एसडीएफ ने की चुनाव से पूर्व राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लागू करने की मांग

कहा- वर्तमान परिस्थिति में निष्‍पक्ष चुनाव संभव नहीं

गंगटोक, 16 सितम्बर । अगले वर्ष अप्रैल-मई में राज्य में होने वाले संसदीय और राज्य चुनावों के संबंध में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी अध्यक्ष पवन चामलिंग की ओर से पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एमके सुब्बा ने नई दिल्ली स्थित केंद्रीय निर्वाचन आयोग के प्रधान सचिव अरविंद आनंद और सचिव संतोष कुमार दुबे को एक ज्ञापन सौंपकर चुनाव से पहले राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

अपने ज्ञापन के माध्यम से एसडीएफ ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से राज्य की मौजूदा परिस्थिति में यहां स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकने की बात कहते हुए राज्य में संविधान के अनुच्छेद 324 को लागू करके एक समिति गठित करने या कोई सुधारात्मक उपाय लागू करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही आम लोगों में चुनाव प्रक्रिया में स्वतंत्र रूप से भाग लेने हेतु विश्वास बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग से सिक्किम में जमीनी हकीकत का जायजा लेने हेतु एक उच्च स्तरीय टीम भेजने का भी अनुरोध किया गया है।

एसडीएफ के प्रेस व प्रचार मामले के विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि पार्टी की ओर से ईसीआई को सबसे पहले सिक्किम में एसकेएम शासन में सभी पहलुओं, विशेषकर कानून-व्यवस्था की विफलता के बारे में अवगत कराया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान में राज्य मशीनरी पूरी तरह से विफल हो गई है, जिससे आम जनता के बीच असुरक्षा और व्यापक भय का माहौल है। ऐसे में एसडीएफ की ओर से राज्य एवं राज्यवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा अराजकता की मौजूदा स्थिति के संबंध में अब तक केंद्र सरकार, सिक्किम के राज्यपाल, राज्य के मुख्य निर्वाचन कार्यालय, पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को 50 से अधिक ज्ञापन सौंपे गए हैं, लेकिन आश्चर्य की बात है कि सरकार सिक्किम में कानून का शासन बहाल करने हेतु कोई भी सुधारात्मक उपाय करने में विफल रही है।

एसडीएफ के अनुसार, ऐसी परिस्थितियों में राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से संसदीय और राज्य विधानसभा चुनाव आयोजित नहीं किया जा सकता है। इसके लिए पार्टी ने राज्य में संविधान के अनुच्छेद 324 को लागू करके एक समिति गठित करने या कोई सुधारात्मक उपाय लागू करने हेतु अपनी इस मांगों पर विचार करने का आग्रह किया है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि सिक्किम की नवीनतम मतदाता सूची में मतदाताओं की असामान्य वृद्धि हुई है जो दर्ज की गई वार्षिक वृद्धि से कहीं अधिक है। ऐसे में पार्टी की ओर से 31 निर्वाचन क्षेत्रों में मौजूदा 572 मतदान केंद्रों और 32-संघ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 42 मतदान केंद्रों की बढ़ोतरी की मांग की है। इसके साथ ही एसडीएफ ने निर्वाचन आयोग से ग्रामीण और शहरी बूथों के लिए मतदाताओं की संख्या को औसतन 1000 मतदाताओं और 1200 मतदाताओं तक सीमित करने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह भी किया है।

इसके अलावा, एसडीएफ पार्टी ने एक ही परिसर में मौजूदा 2 से अधिक मतदान केंद्रों को भी अलग करने की मांग की है। उनके अनुसार, इन मतदान स्थलों पर बड़ी संख्या में मतदाताओं की उपस्थिति के कारण असुविधा हो सकती है। वहीं, निर्वाचन आयोग से प्रत्येक मतदान केंद्र में सीसीटीवी लगाने, चुनाव पर्यवेक्षक, विशेषकर कानून-व्यवस्था पर्यवेक्षकों को मतदान पूर्व राज्य में भेजने, स्वतंत्र व निष्पक्ष मतदान हेतु केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती और मतदाताओं को प्रभावित करने या धमकी देने वालों को मताधिकार से वंचित करने का भी आग्रह किया है।

एसडीएफ के इस ज्ञापन में दी गईं दलीलों को केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने धैर्यपूर्वक सुनकर उन पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। साथ ही आयोग ने एसडीएफ सिक्किम निर्वाचन आयोग और राज्य स्तर पर संबंधित अधिकारियों को भी ऐसे ज्ञापन देने की सलाह दी है।

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