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चरित्र निर्माण में शिक्षण संस्थान की भूमिका महत्‍वपूर्ण : राज्‍यपाल

गंगटोक ।आज सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने प्रयागराज स्थित प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘एकता का आधार’ में आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में राज्यपाल ने उनके द्वारा किये गए कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय न केवल आध्यात्मिक जागरुकता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि नशा-मुक्त जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित करते हुए चरित्र निर्माण आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से जागरूक, स्वास्थ्य, समृद्ध समाज के निर्माण को बढ़ावा दे रही है एवं औरों के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

राज्‍यपाल ने कहा कि चरित्र निर्माण आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से आत्मवत सर्व भूतेषु का भाव देखा है जो प्रत्येक व्यक्त को आत्मीय भाव से जोड़ता है। नशा-मुक्त जीवन पर इस तरह के पहल के साथ आध्यात्मिक ज्ञान को जोड़कर, संगठन लोगों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

इस दौरान राज्यपाल ने भारतीय संस्कृति पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति के मूल मूल्य भारतीय समाज के नैतिक ताने-बाने को आकार देते हैं, सामाजिक आचरण,शासन और पारस्परिक संबंधों को प्रभावित करते हैं। जो एक सदाचारी जीवन जीने की राह सुझाते हैं।

उन्होंने चरित्र निर्माण में शिक्षण संस्थान कि भूमिका के महत्‍व को उजागर करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान ही छात्र-छात्राओं को सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्यों से परिचित कराते हैं। यह वह माध्यम है जहां सबसे पहले हमें हमारी राष्ट्रीय चेतना, सांस्कृतिक परिदृश्य, जीवन मूल्यों से परिचित कराया जाता है।

राज्यपाल ने समग्र कल्याण और आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की अटूट प्रतिबद्धता के लिए को बधाई दी। उन्होंने शांति, प्रेम और एकता के मूल्यों को कायम रखने वाले सचेत, स्वस्थ, अधिक सशक्त और समृद्ध समुदायों के निर्माण के लिए मिलकर काम करने का भी आह्वान किया।

#anugamini

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