गंगटोक । लेप्चा जाति का त्योहार तेंदोंग ल्हो रुम फाट गुरुवार को मनन केंद्र में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ। आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ उनकी धर्मपत्नी कृष्ण राई, विधानसभा अध्यक्ष एमएन शेरपा, उपाध्यक्ष राजकुमारी थापा, आयोजन समिति के संरक्षक एवं पूर्व मंत्री केएन लेप्चा, आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं मंत्री अरुण उप्रेती, मंत्री, विधायक, लेप्चा एसोसिएशन के सदस्य समेत अन्य विशिष्ट व्यक्तित्व की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गोले के हाथों से लेप्चा समुदाय के उच्च पदों पर आसीन लोगों के साथ-साथ समाज में विभिन्न योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही तार छिरिंग लेप्चा को तेंदोंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गोले ने सभी को तेंदोंग ल्हो रुम फाट उत्सव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में अधिक युवाओं की भागीदारी से लेप्चा जाति का भविष्य अब उज्ज्वल है। इस प्रकार, विभिन्न कार्यक्रमों और त्योहारों में युवाओं को शामिल करने से जातीय संगठन मजबूत होते हैं। हालांकि लेप्चा जनजाति एक आदिवासी जनजाति है और विभिन्न स्थानों पर रहती है। लेकिन इस जाति ने इस अवसर को अपने लिए खड़े होने के बहाने के रूप में नहीं लिया।
उन्होंने बताया कि दो मंत्री, तीन विधायक, एक राज्यसभा सांसद, एक जिला अध्यक्ष, राज्य में एक पुलिस अधीक्षक और चार विभागीय सचिव भी लेप्चा समुदाय से हैं। उन्होंने कहा कि लेप्चा समुदाय में विभिन्न भाषाओं में पीएचडी छात्रों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि लेप्चा समुदाय एक-एक नहीं बल्कि 11 बनाने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि जब से सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने सरकार संभाली है, जाति संगठनों को स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति दी गई है और अब सभी जातियों और धर्मों के बीच आत्मीयता में वृद्धि हुई है। अब सिक्किम के सभी लोगों ने अपनी जाति व्यवस्था को देखे बिना हर समय अपनी क्षमता के अनुसार योगदान देने के लिए कहा। ऐसा करने से जातीय संगठन मजबूत होंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि पूरी जाति को अपनी पारंपरिक संस्कृति को बचाए रखना चाहिए और आधुनिक चीजों के साथ भी आगे बढ़ना चाहिए।
आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गोले ने राजधानी में लेप्चा भवन के निर्माण और पश्चिम सिक्किम में फामरोंग के पुनर्निर्माण की घोषणा की। उन्होंने बताया कि सरकार ने लेप्चा समुदाय के बीएल घर के पुनर्निर्माण का फैसला किया है। बलुवाखानी में लेप्चा साहित्य केंद्र के लिए 50 लाख रुपये दिए हैं। लेप्चा इतिहास से निकटता से सरोकार रखने और स्वर्ग की सीढ़ी के निर्माण के लिए इस बजट में पांच करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री गोले ने यह भी घोषणा की कि इसका निर्माण कार्य इसी वर्ष पूरा कर जनता को समर्पित कर दिया जायेगा। आज के कार्यक्रम को पूर्व मंत्री एवं आयोजन समिति के संरक्षक केएन लेप्चा और मंत्री अरुण उप्रेती ने भी संबोधित किया।
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