गंगटोक । भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (एमओएमए) के तहत प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत पीएमजेवीके पोर्टल और जियो टैगिंग पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक और प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार से गंगटोक के एक स्थानीय होटल में शुरू हुआ। यह कार्यक्रम लगातार दो दिनों तक चलेगा।
भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों (एमओएमए) के मंत्रालय के सचिव श्री श्रीनिवास कार्तिकथला की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में संयुक्त सचिव (एमओएमए) जितेन्द्र सिंह राजे, उप संयुक्त सचिव (एमओएमए) एस.एस. वर्मा और परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधि, केन्द्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान (लेह) और केन्द्रीय हिमालयी संस्कृति अध्ययन संस्थान (अरुणाचल प्रदेश) के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान दक्षिणी राज्यों तेलंगाना और कर्नाटक के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
बैठक का आयोजन मोमा की ओर से आयोजित किया गया था, जिसमें समाज कल्याण विभाग ने सहयोग दिया। समाज कल्याण विभाग की सचिव श्रीमती सारिका प्रधान ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया और रणनीतिक योजना के लिए माहौल तैयार किया। तत्पश्चात भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (एमओएमए) के सचिव श्रीनिवास कार्तिकथला ने सहयोगात्मक साझेदारी, कार्यान्वयन योग्य रणनीतियों के लिए एक मंच बनाने पर बात की तथा साझा प्रतिबद्धता के माध्यम से सर्वोत्तम प्रथाओं का आग्रह किया।
इसका उद्देश्य समाज में ठोस प्रभाव और सकारात्मक बदलाव का मार्ग प्रशस्त करना है तथा मुद्दों को तत्काल और प्रभावकारी ढंग से उठाना है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पीएमजेवीके (प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम) के अंतर्गत भौतिक और वित्तीय प्रगति कार्यों की समीक्षा करना तथा बैठक में भाग लेने वाले राज्य प्रतिनिधियों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए बहुमूल्य जानकारी और मंच प्रदान करना था। इसका उद्देश्य उन सर्वोत्तम प्रथाओं का पता लगाना था, जो लोक सेवकों की क्षमताओं को बढ़ा सकें, जिससे समग्र रूप से समुदाय में सकारात्मक परिवर्तन को बढ़ावा मिल सके।
दोनों संगठनों सीआईबीएस (लेह) और सीआईएचसीएस (अरुणाचल प्रदेश) ने हिमालयी सांस्कृतिक विरासत की शुरूआत और पीएमजेवीके द्वारा बौद्ध विकास योजना के तहत अध्ययन के माध्यम से अल्पसंख्यक बौद्ध समुदायों के संरक्षण पर चर्चा की। प्रस्ताव में तीन बुनियादी ढांचे जैसे जल निकाय, संस्थान और रिट्रीट विकसित करना शामिल था, जो बौद्ध हिमालयी विरासत के संरक्षण और हिमालयी अध्ययन की सुरक्षा में मदद करेगा। इसका उद्देश्य उन अध्ययनों को सुरक्षित रखना तथा कौशलों को विकसित करना है जो विलुप्त होने के खतरे में हैं।
इसके अलावा तेलंगाना सरकार की सचिव श्रीमती ए असरथखानम ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अंतर्गत अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने ज्ञान, कौशल और मूल्यों को बढ़ाते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एक मॉडल प्रस्तुत किया। उन्होंने तेलंगाना सरकार के साथ प्रभावी सहयोग कर रहे व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों पर भी प्रकाश डाला। प्रासंगिक मुद्दों पर विचार करने के लिए आयोजित इस सम्मेलन में प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडलों और संगठनों ने भाग लिया, जो सहयोग को बढ़ावा देने और सामाजिक चुनौतियों से सीधे निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। बैठक से एक दिन पहले एमओएमए के सचिव श्रीनिवास कार्तिकथला ने समाज कल्याण विभाग की सचिव श्रीमती सारिका प्रधान और उनकी टीम के साथ चल रहे पीएमजेवीके कार्यस्थलों पर कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया।
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