सोरेंग, 19 अक्टूबर । सिक्किम सरकार के श्रम विभाग द्वारा आज स्थानीय सोरेंग स्कूल सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में जिले के विभिन्न क्षेत्रों के पंजीकृत श्रमिकों को दस-दस हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह गोले ने बीते 15 अक्टूबर को चिंतन भवन से श्रमिकों को राहत राशि वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। राज्य भवन व निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत इस कल्याणकारी योजना से राज्य के कुल 8732 श्रमिक लाभान्वित हो रहे हैं। आज जिले के सोरेंग-च्याखुंग, दरमदीन, रिंचेंगपोंग और जुम सालगढ़ी समष्टि के लगभग 551 श्रमिकों को यह वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक सुनीता गजमेर के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष टिला देवी गुरूंग, श्रम सलाहकार मनोज कुमार प्रधान, राज्य अनुसूचित जनजाति कल्याण बोर्ड अध्यक्ष पीके सुब्बा, कृषि व बागवानी अध्यक्ष सीके राणा, जिला व ग्राम पंचायत, जिला कलेक्टर भीम ठटाल, विशेष श्रम आयुक्त डीएस कुंवर, जिला उपायुक्त प्रकाश चंद्र सुब्बा एवे अन्य भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक गजमेर ने कहा कि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी की सरकार द्वारा श्रमिकों के हित में कई योजनाएं एवं कार्यक्रम लागू करने की जानकारी देते हुए कहा कि इससे पहले किसी भी सरकार ने श्रमिकों का इतना ख्याल नहीं रखा है। उन्होंने कहा कि एसकेएम सरकार ने किसी को भी बाहर नहीं किया है और चरणबद्ध तरीके से सभी को रियायतें मिलेंगी। उन्होंने सभी श्रमिकों से विभाग में अपना नाम दर्ज करवाकर ऐसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।
वहीं, विशेष श्रम आयुक्त डीएस कुंवर ने कहा कि श्रमिक ही राष्ट्र के निर्माता हैं और ऐसे में सरकार श्रमिकों के साथ तिरस्कार नहीं बल्कि सम्मान का व्यवहार करती है। राज्य सरकार ने श्रमिकों के हित में विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। इनमें श्रम विभाग के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को 30000 रुपए मातृत्व भत्ता, 20000 रुपए विवाह भत्ता, गंभीर बीमारी के लिए 50000 हजार रुपए, दुर्घटना में एवं प्राकृतिक रूप से मृत श्रमिकों के परिजनों को क्रमश: 5 लाख एवं 2 लाख रुपए और मृत्यु के पश्चात अंतिम संस्कार के लिए भी 20000 हजार रुपए की आर्थिक सहायता शामिल हैं।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ये सुविधाएं केवल भवन व अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत श्रमिकों के लिए उपलब्ध हैं। ऐसे में उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं में काम करने वाले श्रमिकों के संबंधित ठेकेदारों को एक माह के अंदर उनका पंजीकरण करवाने का भी अल्टीमेटम दिया। उन्होंने ठेकेदारों से कहा कि वे निर्माण श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण कराएं और उन्हें सरकारी योजना का लाभ दिलाएं।
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