संगीतामय श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ को लेकर तैयारी बैठक

नामची : आगामी साप्ताहिक संगीतामय श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ एवं योग शिविर के सफल आयोजन को लेकर तैयारी बैठक आज यांगगांग के मंगली स्थित श्री प्रणामी मंदिर में आयोजित की गई। यह कार्यक्रम 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा।

बैठक की अध्यक्षता विधानसभा उपाध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी थापा ने की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव विकास बस्नेत, आईएफएफसीओ के चेयरमैन आरके बस्नेत, खाद्य प्रसंस्करण विभाग के सलाहकार सीएल गुरुंग, एचएमएलए की ओएसडी श्रीमती डेंकिला भूटिया, सीएलसी अध्यक्ष तंगायला नामखा, यांगगांग की बीडीओ श्रीमती नीडे भूटिया, सरकारी ठेकेदार दीपक भट्टराई, जिला युवा संयोजक छिरिंग तोपदेन भूटिया तथा सीएलसी सलाहकार पद्म गुरुंग मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लीला राई एवं श्रीमती पेम डोमा तमांग, पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा प्रदा राई तथा पंचायत सदस्य गम्भीर सिंह छेत्री भी बैठक में शामिल हुए।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि महापुराण का आयोजन भव्य स्तर पर किया जाएगा। बैठक की शुरुआत होमनाथ पोखरेल द्वारा स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद गोपीदास पोखरेल ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत किया। तत्पश्चात दुर्गा प्रसाद बस्नेत ने कार्यक्रम की रूपरेखा, कार्य विभाजन एवं व्यवस्थापन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने स्थल प्रबंधन, श्रद्धालुओं के आवास व आतिथ्य, सांस्कृतिक एवं भक्ति कार्यक्रमों का संचालन, स्वच्छता, प्रसाद वितरण तथा स्वयंसेवकों एवं समितियों के समन्वय पर विशेष बल दिया।

अपने संबोधन में श्रीमती राजकुमारी थापा ने कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक कथा नहीं, बल्कि एक अर्थपूर्ण आध्यात्मिक और सामाजिक पहल है। इसमें प्रेरणादायक व्याख्यान, निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर, प्रतिदिन योग सत्र तथा सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का भी समावेश रहेगा। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए सकारात्मकता, सामंजस्य और सामूहिक सहभागिता की आवश्यकता पर बल दिया और सभी संबंधित विभागों, स्थानीय निकायों तथा समुदाय के सदस्यों से मजबूत समन्वय की अपील की।

बैठक में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने श्रीमद्भागवत महापुराण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आयोजन समाज में आध्यात्मिक विकास, सामाजिक एकता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और सामुदायिक मूल्यों की पुनर्स्थापना में सहायक सिद्ध होगा। आयोजन समिति ने स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संस्थाओं, युवाओं, महिला समूहों और स्वयंसेवकों से सामूहिक सहयोग का आह्वान किया, ताकि कार्यक्रम का संचालन सुगम और सफल रूप से किया जा सके। यह सात दिवसीय महापुराण एवं योग शिविर क्षेत्रभर से आने वाले श्रद्धालुओं की उल्लेखनीय भागीदारी का साक्षी बनेगा, जो आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का संदेश देगा।

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