गंगटोक, 18 सितम्बर । विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर रविवार को स्थानीय चिंतन भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लांच किए गए ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के शुभारम्भ में शामिल हुए।
एनएचपीसी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में गंगटोक के विधायक वाईटी लेप्चा, मार्तम-रूमतेक विधायक सोनम छिरिंग वेनचुंग्पा, वाणिज्य व उद्योग सचिव कर्मा आर बोनपो, कौशल विकास सचिव कर्मा नामग्याल भूटिया, गंगटोक डीसी तुषार निखारे, एनएचपीसी नोडल अधिकारी एलके त्रिपाठी के अलावा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कारीगरों और शिल्पकारों के लिए विश्वकर्मा लोगो, टैगलाइन और पोर्टल भी लॉन्च किया गया।
यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते मंत्री सुभाष सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ के लिए सिक्किम जैसे सुंदर राज्य से जुड़ने पर खुशी जतायी। उन्होंने इस योजना को कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन में बदलाव लाने वाला बताते हुए कहा कि यह कुशल कारीगरों के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। उनके अनुसार, यह योजना शिल्प कौशल को सशक्त बनाने और उनके मूल्यवान कौशल को केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैलाने का प्रयास है।
इसके अलावा, मंत्री ने सिक्किम को पारंपरिक कला एवं शिल्प की समृद्ध विरासत का उल्लेख करते हुए सदियों से कालीन बुनाई में लगे कुशल भूटिया कारीगरों, भिक्षुओं और प्रसिद्ध चोकसी तालिकाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि कारीगर बेहतर के हकदार हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना इन कारीगरों को मान्यता देने, वित्तीय स्थिरता और युवा पीढ़ी के लिए अपने कौशल को संरक्षित करने के लिए शुरू की गई है।
वहीं, इस अवसर पर गंगटोक विधायक वाईटी लेप्चा ने इस धार्मिक दिवस को कारीगरों और शिल्पकारों की रचनात्मकता, प्रतिभा और कड़ी मेहनत का उत्सव बताते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने शिल्पकारों और कारीगरों की इस योजना में 13 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं जो देश के विकास की दिशा में एक उत्साहजनक कदम है। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कौशल वाले लोगों की मदद करना है, जो आजीविका कमाने हेतु अपने हाथों और बुनियादी उपकरणों का उपयोग करते हैं।
उनके अलावा, विधायक सोनम छिरिंग वेनचुंग्पा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को हमेशा समर्थन प्रदान किया है। इसका उद्देश्य न केवल कारीगरों एवं शिल्पकारों को आर्थिक समर्थन देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को समृद्ध बनाए रखना है। ऐसे में उन्होंने राज्य के लोगों से इसका लाभ उठाने का आग्रह किया।
विधायक ने बताया कि योजना के तहत लाभार्थी को बायोमेट्रिक-आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर नि:शुल्क पंजीकृत कर पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 5 प्रतिशत रियायती ब्याज दर पर टूलकिट खरीदने हेतु प्रोत्साहन, डिजिटल लेनदेन और विपणन सहायता आदि प्रदान किये जाएंगे।
इसके अतिरिक्त गंगटोक डीसी तुषार निखारे ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री को राज्य का दौरा कर कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्य का दौरा करने वाले केंद्र सरकारी प्रतिनिधि शासन सुनिश्चित करने, सहयोग बढ़ाने और राज्य की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में सुभाष सरकार की इस यात्रा ने राज्य के अधिकारियों और आम लोगों मनोबल बढ़ाया है और दिखाया है कि केंद्र सरकार राज्य के विकास और कल्याण की परवाह करती है।
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