परोपकार, दया, दान भारतीय संस्कृति में निहित है : राज्‍यपाल

गंगटोक । आज वाराणसी में ‘भारत विकास परिषद् वरुणासेवा संस्थान’ एवं नारायण सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में दिव्यांगजनों के लिए शिविर आयोजित की गई जिसमें सिक्किम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।

यह शिविर कृत्रिम पैर, हाथ व कैलीपर्स को दिव्यांगजनों के मध्य निःशुल्क वितरण करने के लिए आयोजित की गई जहां लाभार्थियों को सहायता एवं सहायक उपकरण प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति को संतोषजनक एवं सुखद बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह हम सबका, पूरे समाज का दायित्व है कि दिव्यांगजन सुरक्षित रहकर आत्मसम्मान के साथ गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें।

उन्‍होंने कहा कि मनुष्य जब अपने घर का खाकर समाज के लिए योगदान प्रदान करता है, यही सबसे बड़ी सेवा, सबसे बड़ी भक्ति होती है तथा परोपकार, दया, दान भारतीय संस्कृति में निहित है। इस दौरान राज्यपाल ने आयोजकों की दिव्यांगजनों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास की सराहना की है। कार्यक्रम में राज्यपाल को सम्मानित कर स्मृति चिह्न भी भेंट किया गया।

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