गंगटोक । राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट पर एसकेएम उम्मीदवार और निवर्तमान सांसद Indra Hang Subba ने आज कहा कि सिक्किम Sikkim Democratic Front (SDF) सिक्किम और यहां के लोगों के हित में नहीं है। 25 सालों तक एसडीएफ पार्टी के सांसद ने दिल्ली जाकर एक बार भी सिक्किम और सिक्किम के लोगों के हित और कल्याण के लिए बात नहीं की, लेकिन एसकेएम पार्टी से जीतकर सांसद बनने के बाद उन्होंने कई बार सिक्किम के मुद्दों पर बात की।
आज च्याखुंग में आयोजित एसकेएम की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सुब्बा ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा, 2003 में ही लिम्बू-तमांग समुदायों को जनजाति के रूप में मान्यता दे दी गई थी, लेकिन 2006 में पुनर्सीमांकन के दौरान तत्कालीन एसडीएफ पार्टी ने इस समुदायों को सीट आरक्षण देने की पहल नहीं की। यदि सरकार चाहती तो उसी समय लिम्बू-तमांग सीट आरक्षण दे सकती थी। उनके अनुसार, लिम्बू-तमांग सीट आरक्षण के संबंध में केंद्र सरकार से एक पत्र भी प्राप्त हुआ था, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री Pawan Chamling ने पुनर्सीमांकन करने संबंधी जवाब भेजकर इन समुदायों को धोखा देते हुए इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
सुब्बा ने आगे कहा कि तत्कालीन एसडीएफ सरकार और मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने लिम्बू-तमांग समुदायों को गुमराह किया और उनसे केवल वोट लेने का काम किया। पूर्व सांसद और एसडीएफ प्रत्याशी पीडी राई जो अपने कार्यकाल में एक बार भी सिक्किम के हित में नहीं बोल सके, वे फिर से लोगों से वोट मांग रहे हैं। लेकिन सिक्किम की जनता ऐसे व्यक्ति को वापस लाने की गलती कभी नहीं करेंगे। वहीं, अपने कार्यकाल के विगत पांच सालों में 25 सालों से ज्यादा बातें संसद में उठाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय मुद्दों में अगर सिक्किम और यहां के लोगों को न्याय मिल सकता है तो वह सिर्फ एसकेएम पार्टी की सरकार ही कर सकती है।
एसकेएम उम्मीदवार ने यह भी कहा कि केंद्र द्वारा जब संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) लाया गया तो एसकेएम ने राज्य में अपनी सरकार की परवाह न करते हुए उसका विरोध किया। यह बिल पहली बार 2018 में भी संसद में पेश किया गया था, लेकिन तब तक एसडीएफ सांसद पीडी राई ने बिल का समर्थन करके सिक्किम के हितों के खिलाफ काम किया था। पूर्वोत्तर के हर राज्य के विरोध के बावजूद तत्कालीन सांसद राई ने इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा, वास्तविकता यह है कि पीडी राई सांसद बनकर सिक्किम के कल्याण के लिए काम नहीं करते रहे, बल्कि वह ऐसे व्यक्ति हैं जो दिल्ली में रहकर एक एनजीओ चलाते हैं। ऐसे में, सिक्किम के लोगों को यह समझना चाहिए कि क्या उन्हें ऐसे सांसद चाहिए जो सिक्किम के गांवों में जाकर लोगों की सेवा करें या क्या उन्हें ऐसे सांसद चाहिए जो दिल्ली में रहकर एनजीओ चलाए।
साथ ही लोकसभा सांसद निधि से कुछ काम नहीं करने के आरोप के संबंध में इंद्रहांग सुब्बा ने कहा कि विपक्षी नेताओं को हम काम करते नहीं दिखते, लेकिन हमें ग्राउंड जीरो पर जाकर देखना चाहिए कि हमने सांसद निधि से कितना काम किया है। हमने सांसद निधि से सिक्किम के विभिन्न स्कूलों में पुस्तकालय स्थापना, ट्रस और टाइल्स लगाने आदि के काम किये हैं। अब हमने दूसरे कार्यकाल में सांसद निधि का उपयोग शिक्षा क्षेत्र में करने का निर्णय लिया है।
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