गंगटोक । Pawan Chamling की बेतुकी बातें लोग भूल नहीं सकते। 21 दिसंबर 2023 को रोलू दिवस और 4 फरवरी 2024 को सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी के 12वें स्थापना दिवस पर एसकेएम को जनता का समर्थन देखकर असंतुलित मस्तिष्क से यह कहना कि यह चुनाव सिक्किम को सुरक्षित रखने का अवसर है, इसका प्रमाण है कि पवन चामलिंग की राजनीति ख़त्म हो गयी है। ये बातें एसकेएम के प्रवक्ता सीपी शर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
विज्ञप्ति में उन्होंने आगे कहा है कि चामलिंग, जिन्होंने पच्चीस वर्षों तक अपनी सत्ता का आनंद लिया, अब अपने शासन के दौरान किए गए कार्यों को छिपाने के लिए लोगों के साथ भावनात्मक खेल खेल रहे हैं। सिक्किम की जनता एसडीएफ पार्टी को दोबारा सरकार में लाने का भूल नहीं करेगी। सब जानते हैं कि 1993 में चूहा बनकर लोगों के घरों में घुसने वाले चामलिंग 2019 में आते ही कैसे बाघ बन गए और मौका मिलते ही वह कैसे रंग बदलते हैं, यह भी लोग जानते हैं।
शर्मा ने कहा कि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी इस विचार के साथ आगे आई है कि कैसे सिक्किम को स्वर्णिम सिक्किम और समृद्ध सिक्किम बनाया जा सकता है। हम भावनाओं में डूबकर हकीकत पर पर्दा नहीं डालना चाहते। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो सपनों में नहीं हकीकत में विश्वास करती है। एसडीएफ प्रमुख और पवन चामलिंग यह समझ लें कि जनता के सामने खड़े होकर घड़ियाली आंसू बहाने से जनता भ्रमित नहीं होगी। एसडीएफ को यह नहीं भूलना चाहिए कि महिलाओं के स्वभाव पर किया गया मजाक सिर्फ सिक्किम की महिलाओं के कानों में ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों की महिलाओं के कानों में भी गूंज रहा है।
SKM प्रवक्ता ने कहा कि झूठे पर्चे बांटकर एक-दूसरे की निशानी को नष्ट करने का इतिहास न इतनी जल्दी ख़त्म हुआ है और न ही ख़त्म होगा। सांप्रदायिक सौहार्द की दीवार तोड़कर सत्ता में आये चामलिंग अब क्या बचाना चाह रहे हैं जबकि उन्होंने सिक्किमवासियों द्वारा लायी गयी आपसी मित्रता की निशानी को तोड़ दिया है। महिलाओं की अस्मिता को नुकसान पहुंचाने के बाद अब वे क्या बचाने की कोशिश कर रहे हैं? यहां के लोगों को पूरे पच्चीस वर्षों तक विदेशियों के कलंक के साथ जीना पड़ा। वह व्यक्ति जिसने अपने शासन के 25 साल में इन विषयों पर कुछ नहीं किया अब कैसे सिक्किम को बचाने की बात कर सकता है।
शर्मा ने कहा कि पवन चामलिंग सत्ता में रहकर ही बाघ बने रह सकते हैं। सत्ता से हटते ही वे घडि़याली आंसू बहाने लगते हैं। ऐसे नेता बहादुर नेता की परिभाषा में नहीं आ सकते हैं। एक बहादुर व्यक्ति वह होता है जो लोगों की वकालत करता रहता है, चाहे वह सत्ता में हो या नहीं। एसडीएफ के नेता जो यह नहीं देख पा रहे हैं कि अपने पांच साल के कार्यकाल में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने कितना काम किया है, उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि पिछले पांच साल को काला काल कहा जाए या लाल, क्योंकि उनके द्वारा किए गए काम का जवाब सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी की सरकार को रोलू दिवस और 12वें स्थापना दिवस पर भीड़ ने दिया है। स्वतंत्र पंचायतों को घर-घर में पहचान दिलाने का दावा करने वाले नेता को कभी भी पंचायतों का दर्द नजर नहीं आया। पवन चामलिंग आज किस आधार पर ओएफओजे के अपने भाई-बहनों को वोट का हथियार बनाकर उनका भविष्य बर्बाद कर सिक्किम को बचाने की बात कर रहे हैं? पवन चामलिंग, जिनकी आंखें यह देखकर जल रही हैं कि उनकी तानाशाही गोलियों का शिकार बनीं सिक्किम की जनता मौजूदा सरकार की मदद और भरोसे से उठ खड़ी होगी, अब वे क्या बचाना चाहते हैं?
सीपी शर्मा ने कहा कि पवन चामलिंग के शासनकाल में कितने वर्षों तक अस्थायी कर्मचारियों को स्थायीकरण के लिए घुटने टेकने पड़े? क्या पच्चीस साल अकेले मुख्यमंत्री बनने वाले चामलिंग ने अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की नीति बनायी? मुख्यमंत्री की कुर्सी पर 25 साल अकेले गुजारने वाले पवन चामलिंग ने यह क्यों नहीं सोचा कि शीतकालीन अवकाश के बाद जिस दिन स्कूल खुले, उसी दिन किताबें और कापियां छात्रों तक पहुंच जाना चाहिए? हम कोई सपना नहीं, स्वर्णिम सिक्किम और समृद्ध सिक्किम का सपना लेकर आये हैं। हमें भी सिक्किम बहुत पसंद है। पवन चामलिंग घड़ियाली आंसू बहाकर और आखिरी मौके पर लोगों को भावनाओं की आग में डुबो कर सिक्किम को बचाने की बात करते हैं, जबकि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी आगामी चुनाव में एसडीएफ पार्टी को हरायेगी और एक बार फिर स्वर्णिम सिक्किम समृद्ध सिक्किम के निर्माण के लिए और मजबूत हाथों से काम करेगी।
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