गंगटोक, 07 सितम्बर । सिटीजन एक्शन पार्टी (सीएपी) सिक्किम ने आरोप लगाया है कि राज्य में पंचायतीराज व्यवस्था पूरी तरह से कमजोर कर दी गई है। पार्टी का आरोप है कि सिक्किम सरकार ने संविधान के 73वें संशोधन के तहत पंचायतों को दिए गए अधिकारों में से किसी भी अधिकार को अभी तक सही तरीके से पंचायतों को हस्तांतरित नहीं किया है और सरकार ने पंचायतों को मिलने वाले फंड को भी रोक दिया है।
गुरुवार को गंगटोक में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिटीजन एक्शन पार्टी की पंचायत शाखा के एक सदस्य के साथ पार्टी अध्यक्ष एलपी काफले ने कहा कि सरकार द्वारा पंचायत को अधिकार नहीं दिये जाने से गांव का विकास कार्य बाधित हो गया है। उन्होंने सिक्किम की ग्राम पंचायतों को वित्त आयोग द्वारा पंचायतों के लिए निर्धारित बजट नहीं मिलने, पंचायतों को वेतन भुगतान में देरी करने का आरोप लगाया और पार्टी कमेटी और बीडीओ द्वारा पंचायतों के अधिकारों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तो 73वें संशोधन द्वारा पंचायतों को दिए गए अधिकारों को पूरा किया जाएगा।
काफले ने कहा कि संविधान के 73वें संशोधन के तहत 29 विषयों की शक्तियां पंचायतों को सौंपना राज्य सरकार का कर्तव्य है, लेकिन सिक्किम सरकार ने यह अधिकार सिर्फ फाइलों में ही दिया है और हकीकत में पंचायतों को शक्तिहीन बना दिया है। उन्होंने कहा कि सिक्किम पंचायत क्षेत्र मजबूत नहीं हो पाया है क्योंकि पंचायत को फंड, फंक्शन और फंक्शनरीज तीनों से वंचित कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में नए पंचायत चुनाव हुए एक साल बीत जाने के बावजूद सरकार पंचायत सम्मेलन नहीं कर पाई है, सरकार ने ग्राम सभा और पंचायतों के अधिकारों में हस्तक्षेप किया है और विकास के अवसर नहीं दिए हैं। सिटीजन एक्शन पार्टी के अध्यक्ष एलपी काफले ने मांग की कि सरकार को ग्राम पंचायत में कार्यरत पंचायत विकास सहायता (पीडीए) और पंचायत खाता सहायता को स्थायी करना चाहिए।
वहीं, अगर सिटीजन एक्शन पार्टी की सरकार बनी तो पंचायत सदस्यों और स्थानीय शहरी निकायों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए योजना बजट का 30 प्रतिशत सीधे हस्तांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण रियायतों को वितरित करने और इसके लिए धन का प्रावधान करने का अधिकार सिटीजन एक्शन पार्टी सरकार द्वारा पंचायत को दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पूर्व पंचों के लिए 10,000 रुपये की मासिक पेंशन प्रणाली शुरू की जाएगी, जबकि हर चुनाव में पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया नहीं बदली जाएगी और वे दो से तीन कार्यकाल के लिए एक आरक्षण प्रणाली का पालन करेंगे।
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