हमारा लक्ष्य सिक्किम को 2027 तक पूर्ण साक्षर राज्य बनाना है : Prem Singh Tamang

गंगटोक : सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने अगले 50 वर्षों में अपने हिमालयी राज्य के लिए कई महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसमें 2027 तक पूर्ण साक्षरता हासिल करना भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में वर्तमान में साक्षरता दर 90 प्रतिशत से अधिक है और नई शिक्षा नीति के अनुसार सिक्किम पहले स्थान पर है।

नई दिल्ली में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव स्टेट ऑफ द स्टेट्स-सिक्किमएट50 में बोलते हुए सीएम गोले ने सिक्किम में और अधिक विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना की घोषणा की, ताकि राज्य के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर न जाना पड़े, बल्कि देश के अन्य हिस्सों से छात्र सिक्किम में अध्ययन करने के लिए आएं। उन्होंने राज्य को भारत के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में से एक में बदलने के अपने दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया। ऐसे में, उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, 2027 तक हमारा लक्ष्य सिक्किम को पूर्ण साक्षर राज्य बनाना है।

पिछले चुनावों में उल्लेखनीय जन समर्थन से उत्साहित सीएम गोले ने कहा, 32 सीटों में से हमने 31 सीटें जीती हैं। लोकतंत्र में प्रतिद्वंद्वी द्वारा जीती गई एक सीट भी होती है। उस एक सीट पर जीतने वाला विधायक भी अब हमारी पार्टी का हिस्सा है। इसलिए अब हमारे पास सभी 32 विधायक हैं। उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र में दुर्लभ उदाहरण करार दिया।

मुख्यमंत्री ने बताया, 2019 से पहले सिक्किम में एक भी डायलिसिस केंद्र या कैंसर उपचार सुविधा नहीं थी। लेकिन सत्ता में आने के तुरंत बाद हमने हर जिला अस्पताल में डायलिसिस केंद्र शुरू किए और अब वहां कैंसर का इलाज भी उपलब्ध है। वहीं, रेलवे कनेक्टिविटी के संबंध में उन्होंने कहा, अगले साल से हमारी रेल सेवाएं शुरू हो जाएंगी। इससे हमारा राज्य और भी अधिक सुंदर और समृद्ध हो जाएगा।

उन्होंने इसके लिए पिछली प्रशासनिक बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार के समर्थन का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि राज्य का आर्थिक प्रदर्शन भी सफल शासन को दर्शाता है, जहां प्रति व्यक्ति आय देश भर में सबसे अधिक 70,07,181 रुपये तक पहुंच गई है। वहीं, वर्तमान में गरीबी कम करने के प्रयासों में सिक्किम राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान पर है। उन्होंने पूर्ण गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य के बारे में भी बताया।

सीएम गोले ने कहा, ‘मेरो रुख मेरो संतति’ जैसी अभिनव योजनाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण सिक्किम के विकास मॉडल का केंद्र बना हुआ है। यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण जीवन घटनाओं से जुड़े पौधरोपण को प्रोत्साहित करके परिवारों और वन संरक्षण के बीच भावनात्मक संबंध बनाता है। हमने पर्यावरण को संरक्षित करने और लोगों को भावनात्मक रूप से प्रकृति से जोड़ने के लिए इसे शुरू किया।

इसके अतिरिक्त, राज्य में उद्योग-धंधों एवं रोजगार के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमिता को ‘एक परिवार, एक उद्यमी’ पहल और मुख्यमंत्री रोजगार सहायता योजना के माध्यम से महत्वपूर्ण सरकारी सहायता मिलती है, जो छोटे उद्यमों के लिए 100 प्रतिशत अनुदान प्रदान करती है।

वहीं, राजनीति में अपने प्रवेश पर बात करते हुए सीएम गोले ने बताया कि उनकी राजनीतिक यात्रा 1994 में अप्रत्याशित रूप से शुरू हुई जब उन्होंने शुरू में राजनीति में प्रवेश करने का विरोध किया। उन्होंने कहा, मेरी महत्वाकांक्षा कभी राजनीति में शामिल होने की नहीं थी। 1994 में, जब मुझे पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया, तो मैं वास्तव में टिकट वापस करने गया था। मैंने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया था कि मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने शिक्षण से सार्वजनिक सेवा में अपने परिवर्तन को एक संयोग बताया।

सीएम गोले ने 2075 में सिक्किम के भारत में विलय की शताब्दी वर्षपूर्ति पर पालजोर स्टेडियम में एक टाइम कैप्सूल स्थापित करने और भावी पीढिय़ों के लिए अपने गोपनीय संदेश के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, अगर मैं आज इसका खुलासा करता हूं, तो टाइम कैप्सूल अपना महत्व खो देगा। 2075 में, जब सिक्किम 100 साल पूरे करेगा, तब संदेश पढ़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमारी विकास प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री मोदी के 2047 के भारत के दृष्टिकोण से मेल खाती हैं, जिसमें कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस दिशा में केंद्र सरकार का समर्थन महत्वपूर्ण रहा है और वर्तमान में हर 15 दिन में केंद्रीय मंत्री पूर्वोत्तर का दौरा करते हैं। 2014 से पहले ऐसा बिल्कुल नहीं था।

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