गंगटोक । सिक्किम सरकार द्वारा 13 सितंबर से वन उपज पर रॉयल्टी और सेवा शुल्क में किए गए बड़े बदलाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों एवं विभिन्न हलकों में सवाल खड़े किये जा रहे हैं। कल ही सिटीजन एक्शन पार्टी-सिक्किम ने इस निर्णय को वापस लेने की मांग करते हुए वन व पर्यावरण विभाग में एक ज्ञापन भी सौंपा था।
सवाल खड़े किये जा रहे हैं कि इस सरकारी फैसले का राज्य भर में ट्रेकिंग गतिविधियों पर असर पड़ सकता है। वन व पर्यावरण विभाग की अधिसूचना में उल्लिखित नई दरें वन संसाधनों और सेवाओं के लिए शुल्क में पर्याप्त वृद्धि दर्शाती हैं, जो संभावित रूप से ट्रेकिंग लागत और संचालन को प्रभावित करती हैं।
गौरतलब है कि सरकारी संशोधन में लकड़ी की रॉयल्टी में भी उल्लेखनीय वृद्धि शामिल है, जिसमें वर्ग-1 और वर्ग-2 की सागवान लकड़ी पर रॉयल्टी क्रमश: 1200 रुपये से बढक़र 1600 और 1500 रुपये प्रति ञ्चयूबिक फुट हो गई है। वहीं, साल की लकड़ी की दरों को भी वर्ग-1 के लिए 1000 रुपये और वर्ग-2 के लिए 800 रुपये प्रति ञ्चयूबिक फुट किया गया है।
इसके अलावा, अन्य विभिन्न वन उपजों, जैसे ट्री फर्न, मॉस आदि के लिए भी शुल्क बढ़ाये गये हैं। नये संशोधित शुल्क के तहत ट्री फर्न के लिए 1600 रुपये प्रति पौधा और मॉस के लिए 1000 रुपये प्रति 40 किलोग्राम शुल्क निर्धारित किया गया है। यह उन ट्रेकिंग कंपनियों को प्रभावित कर सकती है जो संचालन के लिए इन संसाधनों पर निर्भर हैं। साथ ही, जलावन की लकड़ी की कीमतें भी बढ़ा दी गई हैं। घरेलू जलावन लकड़ी की कीमत अब 100 रुपये प्रति हेड लोड और व्यावसायिक जलावन लकड़ी की कीमत 250 रुपये प्रति हेड लोड हो गई है। वहीं, स्टोन चिप्स भी 400 रुपये प्रति 100 क्यूबिक फीट और रेत की कीमत 300 रुपये प्रति 100 क्यूबिक फीट होने से रास्तों एवं ट्रैकिंग कैंपसाइटों के निर्माण और रखरखाव पर असर पड़ सकता है।
इसके अतिरिक्त, फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के कमरों और कॉन्फ्रेंस हॉल के लिए भी संशोधित शुल्क क्रमश: 500 रुपये और 5000 रुपये प्रति दिन निर्धारित किए जाने से ट्रेकर्स और ट्रैकिंग समूहों के लिए आवास विकल्पों पर असर पड़ सकता है।
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