गंगटोक । क्षेत्र के महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की कोलकाता पूर्वी क्षेत्र पीठ की आज यहां सुनवाई हुई। इसमें न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर और अरुण कुमार वर्मा की अध्यक्षता में पीठ ने मूल आवेदन संख्या 38/2022/ईजेड के तहत डॉ बीना बस्नेत बनाम सिक्किम राज्य एवं अन्य के मामले की सुनवाई की। इस दौरान, दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने ट्रिब्युनल के समक्ष अपनी दलीलें पेश कीं।
मामले में आवेदक की ओर से प्रताप शंकर और दीपांकर ठाकुर उपस्थित हुए, जबकि प्रतिवादी पक्ष की ओर से समीर अभ्यंकर, काजी सांगे थुपदेन, सौमित्र जयसवाल, मानसी बचानी, गीतांजलि सान्याल, एडीएन राव, सोनाली सेनगुप्ता, अमृता पांडे, संजय उपाध्याय और एस गुप्ता सहित कानूनी पेशेवरों का एक समूह उपस्थित हुआ।
कार्यवाही के दौरान, ट्रिब्युनल ने 30 अप्रैल 2024 को प्रतिवादी संक्चया 10, गंगटोक नगर निगम द्वारा प्रस्तुत एक जवाबी हलफनामे को स्वीकार करते हुए प्रतिवादी संख्या 11, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रहीं अमृता पांडे को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय विस्तार दिया। इसके साथ ही ट्राइब्यूनल ने समय पर प्रस्तुतियों को महत्वपूर्ण बताते हुए सभी पक्षों से अगली सुनवाई से कम से कम एक सप्ताह पहले अपनी दलीलें पूरी करने का आग्रह भी किया। वहीं, मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई, 2024 तक के लिए स्थगित कर दी गयी है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला गंगटोक में मल्टी लेवल कार पार्किंग सह वाणिज्यिक कार्यों में संलग्न एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) कंपनी से संबंधित है। कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत उक्त कंपनी गंगटोक के ओल्ड वेस्ट पॉइंट स्कूल एरिया में एक मल्टीलेवल कार पार्किंग कम शॉपिंग हब परियोजना पर कार्य कर रही है, जिस पर यह मामला किया गया है। इसमें आवेदक ने परियोजना की सटीकता के संबंध में चिंताएं उठाई गई हैं। वहीं, इसे गलत बताते हुए प्रतिवादी का कहना है कि खास कर मानसून के दिनों में परियोजना को रोकने से बुनियादी सुरक्षा को खतरा है।
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