गंगटोक । कंचनजंगा स्टेट यूनिवर्सिटी, सिक्किम का दूसरा दीक्षांत समारोह आज स्थानीय चिंतन भवन में आयोजित हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल सह विश्वविद्यालय के कुलपति लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के साथ लोकायुक्त अध्यक्ष न्यायमूर्ति एपी सुब्बा, अतिरिक्त मुख्य शिक्षा सचिव आर तेलंग और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
समारोह में विश्वविद्यालय से नेपाली और संस्कृत में मास्टर डिग्री प्राप्त करने वाले कुल 43 स्नातकों को मुख्य अतिथि के हाथों डिग्री और प्रशस्ति पत्र सौंपे गए। इसके अलावा, नेपाली और संस्कृत में में एमए में स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल ने केएसयू के स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए इसे वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण के बाद उनके जीवन में एक विशेष अवसर बताया। इसके साथ ही उन्होंने अपने विभिन्न भाषा पाठ्यक्रमों के माध्यम से भाषायी विविधता को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के लिए केएसयू, सिक्किम की सराहना की और भाषाओं के प्रति सम्मान का उदाहरण स्थापित करने में विश्वविद्यालय की भूमिका पर प्रकाश डाला।
वहीं, शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति के बारे में बोलते हुए राज्यपाल ने देश में एक नए युग की शुरुआत करने में नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने स्नातकों से अपनी उपलब्धियों को समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए समर्पित करने का आग्रह किया। समारोह में अतिरिक्त मुख्य शिक्षा सचिव ने राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के विकास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका हेतु केएसयू के उप-कुलपति डॉ आशीष शर्मा की सराहना की। उन्होंने दीक्षांत समारोह की तुलना सामाजिक हित के लिए ज्ञान के साथ बोये गये बीज रूपी दीक्षा से करते हुए स्नातकों को मजबूत सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए सामाजिक बेहतरी के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया।
इससे पहले, उप-कुलपति शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में सभी डिग्री धारकों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई दी। कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा ‘कंचनजंगा’ नामक एक इन-हाउस पत्रिका भी जारी की गई। इस दौरान उच्च एवं तकनीकी शिक्षा निदेशक भीम ठटाल, आईसीएफएआई के वीसी डॉ जगन्नाथ पटनायक, एसआरएम उप-कुलपति सतीश कुमार चौधरी और कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
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