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भूस्‍खलन प्रभावित इलाकों का NDRF की विशेषज्ञ टीम ने किया दौरा

मंगन । लगातार बारिश के कारण मंगन जिले के विभिन्न भूस्खलन प्रभावित इलाकों का आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ टीम ने दौरा किया। इस टीम में एनडीएमए के डिप्टी कमांडेंट रजत मल्होत्रा और ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट के वरिष्ठ सलाहकार डॉ पीयूष गौरव शामिल थे। उनके साथ टीम में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उप निदेशक सह संपर्क अधिकारी जिग्मी भूटिया के अलावा एडीसी (विकास) केआर लिंबू, जोंगू एसडीएम अरुण छेत्री, डीडीएमए उप निदेशक (उत्तर) कर्मा दोरजी, मंगन बीडीओ कैलाश थापा, 107 (बीआरओ) के कैप्टन सोलंकी, पंचायत एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारीगण भी शामिल थे।

इसका उद्देश्य व्यापक सर्वेक्षण कर भूस्खलन के भौतिक कारकों का आकलन करना, शमन प्रस्ताव, संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और प्रभावितों के स्वास्थ्य और अन्य सहायता आवश्यकताओं को संबोधित करना था। टीम द्वारा इसकी एक रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों और मंत्रालय को प्रस्तुत की जाएगी।

बताया गया है कि आज के इस दौरे में एनडीएमए टीम ने जिले के मांगशिला से नागा, सांकलांग और फिदांग तक भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक सर्वेक्षण किया। इस दौरान, टीम ने भारी वर्षा, खड़ी ढलान, चुनौतीपूर्ण स्थितियों और अस्थिर जमीन सहित कई प्रमुख कारकों की पहचान की। साथ ही भूस्खलन से सड़कों, घरों और खेतिहर जमीन सहित अन्य बुनियादी ढांचे को हुए काफी नुकसान का आकलन किया गया। इस दौरान, एनडीएमए और जीएलओएफ अधिकारियों को यह भी बताया गया कि आपदा में कई घर विस्थापित हुए हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था और आजीविका पर काफी प्रभाव पड़ा है।

वहीं, सर्वेक्षण के दौरान अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों के साथ बातचीत करते हुए सहायता, राहत और बहाली के संबंध में त्वरित कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन और सरकार को धन्यवाद दिया। साथ ही, उन्होंने दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता भी बतायी। इस अवसर पर उन्होंने जल प्रबंधन हेतु इसके प्रवाह नियंत्रण के लिए वाटर हेड टर्न, लाइनिंग और चैनलाइजेशन जैसे उपायों को लागू करने, सड़क पुनर्बहाली और प्रमुख एवं छोटी सड़कों पर फिसलन की तत्काल मरम्मत की भी जरूरत बतायी।

इसके अलावा, निरीक्षण में संपत्ति और पशुधन संरक्षण उपायों के तहत खोई संपत्ति, पशुधन और खेतों की रक्षा और उसे पुन: प्राप्त करने पर भी चर्चा की गई, जिसके लिए अधिकारियों ने उन्हें कृषि सहायता का आश्वासन दिया।

इसके बाद, टीम ने मंगन जिला मजिस्ट्रेट अनंत जैन के साथ पेंटोक डीएसी में बैठक की जिसमें लाचेन पाइपोन केसांग लाचेनपा और कुंजांग चोपेल लाचेनपा के साथ लाचेन जुम्सा के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इस दौरान, पाइपोन ने बड़े पैमाने पर हुए नुकसान के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि इस आपदा ने पिछले 9 महीनों से लाचेन को पूरी तरह से काट दिया है। उन्होंने तत्काल व्यवहार्य समाधान की भी मांग की।

इस पर, डीएम ने एनडीएमए टीम को स्थिति की गंभीरता को समझने हेतु भूमि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन द्वारा तैयार की गई पिछली रिपोर्ट को देखने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने कहा कि नुकसान का कारण जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि नुकसान की सीमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। ऐसे में, एनडीएमए अधिकारियों ने चर्चा किए गए सभी कारकों पर ध्यान रखते हुए एक व्यापक रिपोर्ट संकलित करने की पुष्टि की, जिसका उद्देश्य एक ऐसी रिपोर्ट प्रस्तुत करना है जो भविष्य में आपदा प्रबंधन में उपयोगी होगी। वहीं, डीएम ने पाइपोंस को आगे बताया कि स्थिति का जायजा लेने और नुकसान का आकलन करने के लिए एक प्रशासनिक टीम के जल्द ही लाचेन का दौरा करने की जानकारी दी।

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