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NABARD ने क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की

गंगटोक । स्थानीय नाबार्ड सिक्किम क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आज यहां ऑफ फार्म सेक्टर से संबंधित क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई।

क्षेत्रीय महाप्रबंधक संजय कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वन विभाग के एपीसीसीएफ डॉ संदीप तांबे के साथ समिति के सदस्यों के रूप में भारतीय मसाला बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ शशांक बोरा, केवीके वैज्ञानिक डॉ छेवांग भूटिया, एमएसएमई-डीएफओ सहायक निदेशक निर्मल चौधरी, बीज प्रकोष्ठ के मुख्य समन्वयक राज लामा, एसबीआई क्षेत्रीय प्रबंधक अतनु बंदोपाध्याय, आरएसईटीआई निदेशक श्रीमती यांकी भूटिया के अलावा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

इस अवसर पर महाप्रबंधक संजय कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में आय असमानताओं को दूर करने और ग्रामीण आबादी के बीच रोजगार अवसर बढ़ाने हेतु ऑफ फार्म क्षेत्र के महत्व पर विस्तार से बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि संस्थानों और हितधारकों के बीच विचारों और कार्यों का अभिसरण प्रभावशाली परिणाम ला सकता है। उन्होंने ऑफ फार्म सेक्टर के तहत संभावित गतिविधियों के लिए ऋण और गैर-ऋण समर्थन के साथ-साथ फोकस क्षेत्रों में विपणन के महत्व पर जोर दिया।

इसके अलावा, उन्होंने ग्रामीण कारीगरों, बुनकरों, एसएचजी, एफपीओ, पर्यटन क्षेत्र और कृषि तकनीकी शुरुआत की आजीविका के समर्थन में ओएफपीओ, ग्रामीण हाट, ग्रामीण मार्ट/मोबाइल वैन और डिजिटल मार्केटिंग सहायता, कौशल आदि जैसी नाबार्ड योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव पर भी बात की।

नाबार्ड जीएम के साथ डीजीएम प्रवीण एस मुले ने बैठक के उद्देश्यों, सिक्किम में ऑफ फार्म सेक्टर की स्थिति एवं इसमें महत्वपूर्ण क्षेत्रों और पहलों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में संभावित गतिविधियों पर एक प्रस्तुति दी। वहीं, एपीसीसीएफ डॉ संदीप तांबे ने ग्रामीण आजीविका को महत्वपूर्ण बताते हुए कुछ जमीनी स्तर के भली-भांति प्रबंधित संस्थानों के माध्यम से पहलों को लागू किये जाने का सुझाव दिया। उन्होंने ऑफ फार्म क्षेत्र में काम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण विशिष्ट क्षेत्रों के साथ आजीविका प्रोफाइल, गांवों की संवेदनशीलता का आकलन और ट्रैकिंग पर्यटन में अवसरों एवं अन्य विभिन्न मुदें पर भी प्रकाश डाला।

इसके अतिरिक्त, समिति के अन्य सदस्यों ने मसाला क्षेत्र, पैकेजिंग, खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला सुविधाओं, बौद्धिक संपदा अधिकार, कॉपीराइट, ब्रांडिंग, पहली पीढ़ी के उद्यमियों को तैयार करने में चुनौतियों पर काबू पाने, बुनाई गतिविधियों में विस्तार और सुधार के अवसरों, जागरूकता निर्माण और सोर्सिंग पहल के महत्व को रेखांकित किया। साथ ही बैठक में एक खुली चर्चा में सभी समिति सदस्यों ने सक्रियता से भाग लिया।

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