गंगटोक। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भाइचुंग भूटिया द्वारा अपनी हाम्रो सिक्किम पार्टी के विलय के साथ पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग की सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का दामन थामने पर सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
एसकेएम के अनुसार, सिक्किम को जातियों में बांटना और सांप्रदायिक हिंसा फैलाकर ‘फूट डालो और राज करो’ के छिपे कुंठित एजेंडे के साथ इन दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया है, लेकिन वे नहीं जानते कि 2019 में ही चामलिंग का युग खत्म हो गया है। एसकेएम ने कहा कि लोकतंत्र में चुनावी मौसम के दौरान एक राजनीतिक पार्टी का दूसरी पार्टी में विलय कोई बड़ी या नई बात नहीं है और लोग ऐसे मामलों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। यह पुराना फैशन है, जिससे राजनीति में गिरावट आ सकती है। लेकिन किसी राजनीतिक नेता का ऐसा कदम निजी हितों की पूर्ति के लिए ही होता है। जबकि राजनीति का उद्देश्य केवल नेता का नहीं बल्कि सभी का कल्याण है।
एसकेएम के प्रचार सचिव कृष्ण लेप्चा द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा कि एसकेएम पार्टी का मानना है कि सिक्किम में विपक्षी दलों के कुछ अघोषित नेता का राजनीतिक चोला उतर गया हैं। फुटबॉल खेल में गोल करने की तरह राजनीति में भी खंभे गाड़ने की उम्मीद के साथ आना मूर्खता ही है। उन्होंने कहा, जाति का खेल खेल कर एसडीएफ पार्टी और पवन चामलिंग को बचाने के इस अभियान को सिक्किम की जनता अब स्वीकार नहीं करेगी। एसडीएफ और हाम्रो सिक्किम पार्टी का छिपा हुआ एजेंडा सिक्किम को जातियों में बांटना और सांप्रदायिक हिंसा या दंगे फैलाना है। इस एजेंडे के साथ सत्ता के लिए राजनीति करने वाले चामलिंग और एसडीएफ को जनता ने सीधे तौर पर खारिज कर दिया है।
लेप्चा ने कहा कि चामलिंग और उनके समर्थक, जिन्होंने सिक्किम को नहीं बल्कि केवल अपने परिवार और बच्चों को बचाया, उनका राज्य की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उनके अनुसार, 2019 के बाद से जनता ने एसकेएम पार्टी के नेतृत्व और नेता पीएस गोले को गरीब, अविकसित सिक्किम को एक नया और उज्जवल सिक्किम बनाने का महान कार्य सौंपा है। 2019 में एसडीएफ और चामलिंग का युग खत्म हो गया है और एसकेएम पार्टी के नेतृत्व में देश-दुनिया में एक अनुकरणीय राज्य बनाने हेतु इस महान अभियान में पूरे सिक्किम के एकजुट और ईमानदार लोग शामिल हुए हैं। ऐसे में यह समय एसकेएम पार्टी और मुख्यमंत्री पीएस गोले का है और 50 साल से विपक्षी दल चाहे कितने भी एकजुट क्यों न हों, कितना भी खेल कर लें, एसकेएम पार्टी की एकता को तोड़ तो दूर, हिला भी नहीं सकते।
SKM के अनुसार, एचएसपी और एसडीएफ पार्टी के विलय एक चुनावी स्टंट है और जिस प्रकार टाइटैनिक समुद्र में डूब गया था, वैसे ही ये दोनों पार्टियां भी एक-दूसरे से टकरा कर अपना चुनावी जहाज डुबो देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसडीएफ और एचएसपी का राजनीतिक गठबंधन एक भयानक विनाश का कारण बनेगा और राज्यवासियों को यह पता है कि इसके किरदार पवन चामलिंग और भाइचुंग भूटिया होंगे। खरेल ने कहा, भाइचुंग भूटिया एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें लोगों ने त्याग दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर दार्जिलिंग लोकसभा और सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले भूटिया एक तथाकथित नेता हैं जो अपनी जमानत बचाने में विफल रहे हैं। वहीं इस तथ्य को भी कोई भूला नहीं है कि सिक्किम में 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो गई थी। इस दृष्टि से सिक्किम में किसी नई पार्टी का उत्थान और पतन कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। फर्क सिर्फ इतना है कि पार्टी के आने और जाने से लोगों को कितना फायदा हुआ। यह सब उस नेता की मंशा पर निर्भर करता है जो अपनी पार्टी का दूसरी पार्टी में विलय करता है।
एसकेएम नेता ने आगे कहा कि भले ही सिक्किम में सभी विपक्षी दल एक मंच पर खड़े हों, लेकिन वे 2024 में मुख्यमंत्री पीएस गोले को नहीं हरा सकते। जनक्रांति और व्यवस्था परिवर्तन के महान नेता पीएस गोले के मामले में दखल देना विपक्षी दलों की बड़ी भूल होगी।
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