गेजिंग, 27 फरवरी । केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत पीएम-विश्वकर्मा योजना के जिले में कार्यान्वयन के संबंध में आज स्थानीय डीएसी सभागार में एक बैठक आयोजित हुई।
डीसी एम भरणी कुमार की अध्यक्षता में हुई इस एक बैठक में एडीसी (विकास) सूरत गुरुंग, एसडीएम (मुख्यालय) तिरसांग तमांग, संयुक्त सहकारिता रजिस्ट्रार लादेन जेनसापा, गेजिंग बीडीओ संजीव दास राई, ही-मार्तम बीडीओ कैलाश गुरुंग, देंताम बीडीओ बसंत मोक्तान, सीएससी जिला प्रबंधक पासांग शेरपा, डोमेन विशेषज्ञ पेम्बा भूटिया, जीएनपी एमईओ गोपाल शर्मा, उद्यमी इंद्र कारी लिंबू, हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय निरीक्षक कर्मा सी भूटिया एवं अन्य उपस्थित थे।
इस दौरान, डीसी ने उपस्थित लोगों को पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में भली-भांति अवगत होने और निर्धारित समय में पहले चरण के लक्ष्य को पूरा करने की सलाह दी। उन्होंने सभी बीडीओ को अपने संबंधित ब्लॉक के जीपीयू में छूटे हुए लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें योजना में शामिल करने को भी कहा। साथ ही उन्होंने इस दिशा में किए गए कार्यों के लिए ही-मार्तम ब्लॉक और इसके बीडीओ की प्रशंसा भी की।
वहीं, एडीसी (विकास) सूरत गुरुंग ने उपस्थित अधिकारियों को योजना के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु कारीगरों को अपना पंजीकरण करवाने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। वहीं, उन्होंने योजना के प्रावधानों इसके जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन के लिए जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों एवं शिल्पकारों की बेहतरी हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2023 को पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की थी। इस योजना में 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है, जिनमें बढ़ई, नाव निर्माता, लोहार, सोनार, कुम्हार, पत्थर तराशने वाले मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, धोबी, दर्जी एवं कई अन्य शामिल हैं।
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