गंगटोक । सिक्किम के 12 छूटे हुए मूल समुदायों को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने से संबंधित मुद्दे को मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की अध्यक्षता में आज यहां सम्मान भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस दौरान, मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को हल करने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए हाल ही में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया। उन्होंने बैठक में शामिल 12 छूटे हुए समुदायों के प्रतिनिधियों से इस सकारात्मक पहल के साथ आदिवासी मान्यता के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सहयोग करने और मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रतिनिधियों को समुदायों की एक एथनोग्राफिक रिपोर्ट तैयार करने का भी निर्देश दिया, जो उनके दावों को मजबूत करने के साथ मान्यता प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण होगा।
इससे पहले, बैठक की शुरुआत में समाज कल्याण विभाग की सचिव श्रीमती सारिका प्रधान ने अपनी एक प्रस्तुति में 12 समुदायों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए जनजातीय मान्यता की मांग की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने उनकी मांगों की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताते हुए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ और विकसित प्रशासनिक और सामाजिक गतिशीलता की जांच की।
इसके अतिरिक्त, श्रीमती प्रधान ने इस मुद्दे को हल करने के लिए अब तक किए गए प्रयासों की समीक्षा की, जिसमें मुख्यमंत्री के नेतृत्व में समाज कल्याण विभाग और केंद्र सरकार के बीच पत्राचार शामिल है।
बैठक में एक ओपन हाउस चर्चा भी शामिल थी, जिसमें 12 स्वदेशी समुदायों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव और चिंताएं पेश कीं।
गौरतलब है कि राज्य सरकार, समाज कल्याण विभाग और समुदाय के प्रतिनिधियों के सामूहिक प्रयासों से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और एक ऐसे समाधान की दिशा में काम करने की उम्मीद है जो इन मूल समुदायों की सांस्कृतिक विरासत और अधिकारों को स्वीकार और संरक्षित करता है। इस बैठक में डिप्टी स्पीकर श्रीमती राज कुमारी थापा, कैबिनेट मंत्री, विधायक और स्थानीय मूल जनजातीय प्रतिनिधिण भी मौजूद थे।
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