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लोगों को स्वच्छता के बारे में करें जागरूक : भोज राज राई

नामची । राज्य शहरी विकास विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों के लिए कारफेक्टर स्थित राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान सभागार में आज एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य के शहरी विकास मंत्री भोज राज राई के साथ यूडीडी सचिव एमटी शेरपा, नामची नगर परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, नयाबाजार जोरथांग नगर पंचायत अध्यक्ष, नामची नगर परिषद, नयाबाजार जोरथांग नगर पंचायत और गेजिंग नगर पंचायत पार्षद के अलावा नामची, जोरथांग एवं गेजिंग के एमईओ-यूडीडी के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

इस अवसर पर मंत्री राई ने बताया कि राज्य वासियों में स्वच्छता को बढ़ावा देने हेतु स्वच्छ शहर अभियान स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक राज्य पहल है। ऐसे में, उन्होंने सभी एसएचजी सदस्यों से आज प्राप्त किये गये ज्ञान को साझा कर लोगों को स्वच्छता के बारे में जागरूक करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि अपने-अपने क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन का सकारात्मक तरीके से उपयोग करने वाले सभी एसएचजी को वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने एसएचजी के प्रोत्साहन हेतु राज्य के उत्कृष्ट स्वयं सहायता समूहों को राष्ट्रीय भ्रमण कराये जाने की घोषणा भी की।

कार्यक्रम में यूडीडी सचिव ने स्वच्छ शहर अभियान एक महत्वपूर्ण पहल बताते हुए इसे महिलाओं को सशक्त बनाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन को लागू किया जाना चाहिए और इसे आय के स्रोत के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में बात करते हुए वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके अपशिष्ट का निपटान या रिसाइक्लिंग किये जाने का आग्रह किया।

इस दौरान, एसबीएम यूडीडी की संयुक्त सचिव श्रीमती जेरुशा श्रेष्ठ और एसबीएम जोरथांग के नोडल अधिकारी डंबर तमांग ने अपशिष्ट प्रबंधन पर अपनी प्रस्तुतियां पेश कीं। कार्यक्रम में गंगटोक नगर निगम द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन, स्रोत पृथक्करण और पदमचेन में मैटेरियल रिकवर फैसलिटी पर वीडियो भी दिखाए गए। साथ ही, एक फीडबैक सेशन भी आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। वहीं, मंत्री के हाथों स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि स्वयं सहायता समूहों को प्रति वर्ष 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

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